Bombay high court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाया जिसमें पड़ोसी के नींबू के लिए दरवाजा खटखटाने के दोषी पाया, बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को सीआईएसएफ कांस्टेबल पर लगाए गए जुर्माने को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा कि किसी भी समय पर पड़ोसी का दरवाजा खटखटाकर नींबू मांगना बेतुका है.
एक महिला ने अपने पति की गैरमौजूदगी में पड़ोसी के नींबू मांगने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई, जिसकी सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस नितिन जामदार और एमएम सथाये की खंडपीठ ने कहा कि 'पड़ोसी का दरवाज़ा खटखटाया यह जानते हुए कि घर में पुरुष नहीं है, और घर पर एक महिला अपनी छह साल की बेटी के साथ रहती है. ऐसे में पड़ोसी अपने पेट खराब होने की बात कहकर नींबू लेने के लिए आता है. कोर्ट ने कहा कि ये बहुत ही तुच्छ और बेतुका है.
11 मार्च के आदेश में यह भी कहा गया कि व्यवहार "सीआईएसएफ कर्मी के लिए अशोभनीय" था और यह भी कि उसे पता था कि उसका सहकर्मी, महिला का पति, पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी पर था. सीआईएसएफ कांस्टेबल अरविंद कुमार ने जुलाई 2021 से जून 2022 के बीच अपने सीनियर्स पर जुर्माना लगाने के फैसले को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया.
यह आरोप लगाया गया कि 19 अप्रैल, 2021 की आधी रात के आसपास, कांस्टेबल ने अपने पड़ोसी के घर का दरवाजा खटखटाया, जो उसके घर के समान मंजिल पर था. महिला, जो वहां अकेली थी, उसे अजीब समय पर देखकर डर गई और उसे चेतावनी दी और धमकी दी, जिसके बाद वह चला गया. इसके बाद महिला ने एक सीनियर अधिकारी से इसकी शिकायत की, जिसने विभागीय जांच शुरू की.
जांच में पाया गया कि घटना के अजीबोगरीब तथ्य और परिस्थितियां उत्पीड़न के समान थीं और घोर अनुशासनहीनता और कदाचार का संकेत थीं, जिससे बल की छवि खराब हो रही थी। यह भी पाया गया कि कांस्टेबल ने महिला के घर के दरवाजे पर आने से पहले शराब पी थी.
सजा के रूप में, कुमार का वेतन तीन साल की अवधि के लिए कम कर दिया गया, इस दौरान उन्हें कोई सैलरी भी नहीं बढ़ेगी. कुमार ने दावा किया था कि वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे और केवल नींबू मांगने के लिए पड़ोसी का दरवाजा खटखटाया था. First Updated : Thursday, 14 March 2024