Kolkata Murder case: CBI रिपोर्ट में सामूहिक बलात्कार का उल्लेख नहीं, संजय रॉय ही एकमात्र आरोपी

कोलकाता डॉक्टर हत्या मामले में सीबीआई ने संजय रॉय को एकमात्र आरोपी मानते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेजा है. रिमांड नोट में सामूहिक बलात्कार का कोई जिक्र नहीं किया गया, जिससे सवाल उठ रहे हैं. जांच में नए रहस्यों और विवादों के संकेत मिल रहे हैं, जैसे कि अपराध स्थल में किए गए बदलाव. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और पुलिस के दावों ने इस मामले को और जटिल बना दिया है. क्या और भी सुराग सामने आएंगे मामले की गहराई और भी बढ़ती जा रही है.

calender

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को अदालत में पेश किए अपने रिमांड नोट में ‘सामूहिक बलात्कार’ का उल्लेख नहीं किया. इस मामले में संजय रॉय को मुख्य आरोपी मानते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

सियालदह स्थित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अदालत ने संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. शुरुआती जांच के दौरान कोलकाता पुलिस ने 9 अगस्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और धारा 103 (1) (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. जब मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई को सौंपा गया, तो सीबीआई ने भी इन्हीं धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की.

संजय रॉय ही एकमात्र अपराधी

सीबीआई ने अदालत में प्रस्तुत रिमांड नोट में ‘सामूहिक बलात्कार’ की धारा को शामिल नहीं किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि संजय रॉय ही इस मामले में एकमात्र आरोपी हैं. इस निर्णय से यह साफ होता है कि सीबीआई ने अब तक किसी अन्य आरोपी के बारे में कोई सबूत नहीं पाया है. हालांकि, जांच के किसी भी चरण में अतिरिक्त दंडात्मक धाराएं जोड़ी जा सकती हैं.

रॉय ने स्वीकार किया अपराध

संजय रॉय, जिन्हें अपराध के एक दिन बाद कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था, इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए एकमात्र व्यक्ति हैं.  पुलिस के मुताबिक, रॉय ने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया है. सीबीआई को 13 अगस्त से मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया था और जांच के दौरान सीबीआई ने अपराध स्थल में बदलाव की बात भी की है जिसे लेकर राज्य सरकार ने आरोपों का खंडन किया है.

सीबीआई की है सबपर नजर

हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में अस्पताल के सेमिनार हॉल में भीड़ दिखाते हुए बताए गए थे, लेकिन कोलकाता पुलिस ने दावा किया है कि अपराध स्थल की घेराबंदी कर दी गई थी और कोई भी अनधिकृत व्यक्ति वहां प्रवेश नहीं कर सकता था. फिर भी घेराबंदी वाले क्षेत्र में दो व्यक्तियों की पहचान पर सवाल उठाए गए हैं. फिलहाल इस मामले की जांच अब सीबीआई के पास है और इसकी प्रगति पर नजर रखी जा रही है. 

First Updated : Saturday, 07 September 2024