Kolkata Murder Case: CBI ने संदीप घोष और SHO को किया गिरफ्तार, जानें क्यों हुई गिरफ्तारी?
Kolkata Murder Case: सीबीआई ने कोलकाता रेप मर्डर केस में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और थाला पुलिस स्टेशन के एसएचओ अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया है. जांच एजेंसी ने दोनों को FIR दर्ज करने में कथित देरी और सबूत गायब करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
Kolkata Murder Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और थाला पुलिस स्टेशन के एसएचओ अभिजीत मंडल को पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज करने में कथित देरी और सबूतों को गायब करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले, घोष को वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित एक अलग जांच में केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया था. वह 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में है. वहीं 26 अगस्त को, सीबीआई ने सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की अपनी जांच के हिस्से के रूप में पूर्व प्रिंसिपल पर पॉलीग्राफ टेस्ट का दूसरा प्रयास किया था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है, जिसे 17 सितंबर को प्रस्तुत किया जाना है. 9 अगस्त को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक 31 वर्षीय डॉक्टर का शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि हत्या से पहले उसके साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया था.
BJP ने संदीप घोष पर लगाया ये आरोप
भाजपा ने घोष पर सेमिनार हॉल के पास मरम्मत का आदेश देने का आरोप लगाया है, जहां 9 अगस्त को डॉक्टर का शव मिला था. केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कथित तौर पर संदीप घोष द्वारा हस्ताक्षरित एक कथित पत्र साझा किया, जिसमें मरम्मत कार्य को अधिकृत किया गया था. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व निदेशक संदीप घोष द्वारा हस्ताक्षरित आदेश, पीड़िता की मौत के ठीक एक दिन बाद 10 अगस्त का है. अपराध स्थल से छेड़छाड़ के सहकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के आरोपों के बावजूद, पुलिस कमिश्नर ने इससे इनकार किया,
सीबीआई ने लगाया ये आरोप
सीबीआई ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि संदीप घोष 'गलत लाभ' के लिए अन्य 'सह-आरोपियों' के साथ मिलकर 'आपराधिक गठजोड़' संचालित कर रहे थे. एजेंसी ने आरजी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए दो विक्रेताओं को भी गिरफ्तार किया था.
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, 'ये (दो) विक्रेता घोष को तब से जानते थे, जब वह मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में थे. हमने पाया है कि उन्होंने घोष के साथ अपनी निकटता के कारण ही आरजीकेएमसीएंडएच (आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) के ठेके दिए थे.'