Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर केस में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने 41 दिनों से चल रहे धरने को समाप्त करने का निर्णय लिया है. ये डॉक्टर नौ अगस्त से धरने पर थे, जब एक महिला डॉक्टर की हत्या हुई थी. धरना समाप्त करने की घोषणा गुरुवार को की गई और डॉक्टरों ने कहा है कि वे शनिवार से इमरजेंसी सेवाओं में फिर से काम पर लौटेंगे.
जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में एक अभियान आयोजित करने का फैसला किया है. इसके बाद वे शनिवार से इमरजेंसी सेवा में शामिल होंगे. प्रदर्शनकारी डॉक्टर अनिकेत महतो ने कहा कि उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वे बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए शिविर शुरू करेंगे. वे शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन से साल्टलेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक एक जुलूस भी निकालेंगे.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं
महतो ने यह भी बताया कि कई राज्य क्षेत्रों में बाढ़ आई हुई है और जूनियर डॉक्टरों ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा शिविर स्थापित करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, 'आंशिक रूप से हम शनिवार से काम में शामिल हो रहे हैं, लेकिन हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है.' इसके अलावा, स्वास्थ्य सचिव के इस्तीफे की मांग पर भी उन्होंने मुख्यमंत्री से समय मांगा है.
प्रदर्शन के पीछे की वजह
दरअसल जूनियर डॉक्टरों का धरना कई महत्वपूर्ण मांगों के लिए था. वे अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा, रेप-मर्डर केस की सुनवाई और अन्य मुद्दों पर जोर दे रहे थे. हाल ही में, मुख्य सचिव के साथ बैठक के बाद डॉक्टरों ने निराशा व्यक्त की थी कि बैठक के मिनट्स पर हस्ताक्षर नहीं किए गए.
सरकार ने अस्पतालों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कुछ कदम उठाने का आश्वासन दिया है. मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र भेजकर पैनिक बटन और इमरजेंसी हेल्पलाइन स्थापित करने की बात कही थी. इसके बाद ही जूनियर डॉक्टरों ने धरना समाप्त करने का फैसला किया.
भविष्य की योजनाएं
अब जब धरना खत्म हो गया है, जूनियर डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों को लेकर सक्रिय रहेंगे. स्वास्थ्य सचिव के इस्तीफे की मांग को लेकर भी वे सजग रहेंगे. वे उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी और उचित कदम उठाएगी. लेकिन इससे एक बात तो साफ है कि कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों की लड़ाई अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है. क्या यह सरकार के लिए एक संकेत होगा कि उसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है? यह समय ही बताएगा. First Updated : Thursday, 19 September 2024