कुरुक्षेत्र: पहली बार हरिद्वार और बनारस की तर्ज पर हुई धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में सरोवर के तट पर महाआरती
देश में पहली बार हरिद्वार और बनारस की तर्ज पर विश्व विख्यात धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का सन्नहित सरोवर के तट पर महा-आरती हुई। जिसके घंटे और घड़ियाल सब बनारस से मंगवाए गए और जब हुई महा-आरती तो जगमग हो उठी धर्मनगरी कुरुक्षेत्र।

देश में पहली बार हरिद्वार और बनारस की तर्ज पर विश्व विख्यात धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का सन्नहित सरोवर के तट पर महा-आरती हुई। जिसके घंटे और घड़ियाल सब बनारस से मंगवाए गए और जब हुई महा-आरती तो जगमग हो उठी धर्मनगरी कुरुक्षेत्र।
वामन द्वादशी के मेले पर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में शुरू हुई महा-आरती जिसका जिम्मा उठाया ब्राह्मण एवं तीर्थों द्वार सभा ने -
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में जहा पर भगवान् श्री कृष्ण के मुखारविंद से गीता की उत्त्पति हुई। उसी धरा पर अब सन्नहित सरोवर पर आरती शुरू की गई है, जिसका बीड़ा उठाया है ब्राह्मण एवं तीर्थ द्वार सभा ने अब रोजाना होगी सन्नहित सरोवर के तट पर महा-आरती।
सन्नहित सरोवर के तट पर हरिद्वार - वाराणसी की गंगा आरती की तर्ज पर रोजाना सायंकालानी होगी यहां भी बनारस में होने वाली गंगा जी की आरती की तर्ज पर महा-आरती शुरू की गई है जो निरंतर चलती रहेगी।
महा-आरती में पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने की शिरकत और कहा कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का पर्यटन आगे बढ़ेगा और हरिद्वार बनारस की तर्ज पर विश्व विख्यात सरोवर सन्नहित सरोवर पर महा-आरती शुरुआत की गई है।