Free हुई मुंबई! चुनाव से पहले CM शिंदे ने खेला दांव, खोल दिए 5 'दरवाजे'
Maharashtra News: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ी चाल चली है. उन्होंने निजी यात्री वाहनों के लिए मुंबई के पांच टोल नाकों पर टोल वसूली बंद कर दी है. इसका ऐलान चुनावी लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
Maharashtra News: दो राज्यों में चुनाव थमने के बाद अब और दो राज्यों में चुनावी सरगर्मी तेज हो रही है. चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करे इससे पहले सरकार बड़े-बड़े फैसले कर रही है. कैबिनेट की मीटिंग कर प्रस्तावों को पास करने का दौर चल पड़ा है. इसी क्रम में महाराष्ट्र का एकनाथ शिंदे सरकार ने मुंबई में एंट्री लेने वाले प्रदेश के लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने सोमवार को अपनी कैबिनेट की बैठक की. इसी में प्रदेश के लोगों के लिए राजधानी में प्रवेश को आसान करने का फैसला लिया गया.
महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक में फैसला लिया कि मुंबई में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए टोल फ्री कर दिया गया. अब शहर के पांच टोल नाकों पर अब निजी यात्री वाहनों से टोल नहीं वसूला जाएगा. चुनाव से पहले इसे बड़ा दांव माना जा रहा है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की घोषणा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को घोषणा की कि हल्के मोटर वाहनों के लिए मुंबई के सभी पांच टोल नाकों पर टोल माफी होगी. यह नियम आज रात से लागू होगा. यह निर्णय महाराष्ट्र सरकार की विधानसभा चुनावों से पहले अंतिम कैबिनेट बैठक में लिया गया. इस फैसले के तहत अब दहिसर, मुलुंड, वाशी, ऐरोली और टिनहांथ टोल नाकों पर छोटे वाहनों को टोल नहीं देना होगा. इन टोल नाकों पर पहले टोल शुल्क 45 रुपये था.
रात 12 बजे से लागू होगा नियम
मुंबई के ये टोल नाके लंबे समय से शहर के सड़क ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, जहां से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं. महाराष्ट्र सरकार के इस अंतिम कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले के बाद, आज मध्यरात्रि से यह नियम प्रभावी हो जाएगा. इस निर्णय से रोजाना छोटे वाहनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें इन प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर टोल नहीं देना होगा.
विपक्ष का हमला
मुख्यमंत्री शिंदे की घोषणा के तुरंत बाद, शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे महाराष्ट्र चुनाव से पहले 'हताशा भरा कदम' बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. खासकर एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद.