Lok Sabha Election 2024: संदेशखाली की एक पीड़िता को पीएम मोदी ने शक्ति स्वरूपा दिया नाम, बसीरहाट लोकसभा सीट से लड़ेंगी चुनाव
Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल में टीएमसी को शिकस्त देने के लिए बीजेपी ने एक नई रणनीति बनाई है. बसीरहाट लोकसभा सीट से संदेशखाली की पीड़िता को उम्मीदवार बनाया है. पीएम मोदी ने उनसे फोन पर बात भी की.
Lok Sabha Election 2024: भाजपा ने संदेशखाली के पीड़ित रेखा पात्रा को पश्चिम बंगाल के बशीरहाट लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. रेखा ने संदेशखाली की महिलाओं के लिए आवाज़ उठाया था. वह संदेशखाली कांड के मास्टरमाइंड और निलंबित तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उसके दलालों की पीड़ित है. बता दें कि बशीरहाट क्षेत्र के अंतर्गत ही संदेशखाली आता है. वहीं टीएमसी ने इस बार बशीरहाट सीट पर नुसरत जहां का टिकट काटकर हाजी नुरुल इस्लाम को चुनावी मैदान में उतारा है.
गौरतलब है कि, बंगाल के एक गांव संदेशखाली में फरवरी में स्थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ यौन हिंसा, जमीन पर कब्जा करने और जबरन वसूली के आरोपों को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था.
बीजेपी ने संदेशखाली की पीड़िता को दिया टिकट
संदेशखाली में बवाल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीड़िताओं से मिलने के लिए गए थे उसी दौरान उनकी मुलाकात रेखा पात्र से हुई थी. बारासात में सभा के बाद पीएम ने संदेशखाली की पांच महिलाओं से मुलाकात की थी. संदेशखाली के लोगों ने भी नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी से पात्र को उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाया था. भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री खुद ने रेखा पात्र के नाम पर मुहर लगाई है.
पीएम मोदी ने रेखा पात्रा से की फोन पर बात
मंगलवार को पीएम मोदी ने रेखा पात्रा से फोन पर बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने रेखा का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि, तुम शक्ती स्वरुपा हो. पीएम ने पुछा कि आप एक बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रही हैं आपको कैसा लग रहा है? इस पर रेखा ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. आपका हाथ मेरे और संदेशखाली की सभी महिलाओं के सिर पर है. ऐसा लग रहा है जैसे भगवान काम का आशीर्वाद मिला है.
संदेशखाली मामला क्या है?
संदेशखाली में वहां की महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद संदेशखाली में इस विवाद को लेकर चर्चा बढ़ी और राजनीति में इसे मुद्दा बनाया गया.
इसके बाद संदेशखाली में धारा 144 लागू करके वहां के विपक्षी नेताओं को जाने से रोका गया. हालांकि, बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया और ममता सरकार पर दबाव बनाया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए.