लुधियाना:एक ऐसी शादी जिसमें बारातियों ने किताबों में दिखायी दिलचस्पी,विवाह समारोह में था बुक स्टॉल

लुधियाना -फ़िरोज़पुर में एक कमाल की शादी देखने को मिली जहाँ आयोजित शादी के समारोह में अपनी मातृभाषा पंजाबी के प्रति अपना प्रेम दिखने में कोई कमी नहीं छोड़ी। जहाँ खाने के स्टॉल के साथ - साथ एक बड़ा और बेहतरीन स्टॉल किताबों का भी लगवाया गया था।

लुधियाना में एक कमाल की शादी देखने को मिली जहाँ आयोजित शादी के समारोह में बारातियों ने अपनी मातृभाषा पंजाबी के प्रति अपना प्रेम दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। जहाँ खाने के स्टॉल के साथ - साथ एक बड़ा और बेहतरीन स्टॉल किताबों का भी लगवाया गया था।

दरअसल , यह बात एक गांव रायपुर पट्टी सीमा की है ,जो लुधियाना के फ़िरोज़पुर मार्ग पर मौजूद रजत पैलेस मुल्लापुर में एक भव्य शादी समारोह का आयोजन किया गया था। जहाँ अपनी मातृभाषा पंजाबी के प्रेमी एक पिता संतोख सिंह ग्रेवाल ने अपने बेटे विनीपाल सिंह ग्रेवाल की शादी को यादगार बना दिया। शादी के समारोह में खाने के साथ- साथ एक आलीशान बुक स्टॉल भी लगाया था, जिसे देख सभीवहां मौजूद बाराती हैरान हो गए और खाने को छोड़ सभी लोगों की भीड़ वहां जमा हो गयी।

हुआ यूँ था कि सभी बारातियों ने नाचते - गाते महल में प्रवेश किया, सामने ही एक विशाल बुक स्टॉल देखते ही सभी लोग हैरान रह गए। और उस बुक स्टॉल ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। वह बुक स्टॉल पूरी तरह से पंजाबी रंग में रंगा हुआ था, और उसमे मौजूद सभी प्रकार की पंजाबी बुक्स थी, जैसे -पंजाब का इतिहास , सिख इतिहास , पंजाब के शहीद , उपन्यास , गुरुवाणी, कविताओं की किताबें, कहानियाँ आदि। जिनको देख सभी का दिल खुश हो गया।

बुक स्टॉल पर करीब तीन हज़ार किताबें लगाई गयी थी। और तो और शादी में किताब के प्रेमियों को तोहफे में डेढ़ से दो लाख रुपए तक की किताबें दी गयीं। बरातियों के भीतर किताबों के प्रति इतना रुझान था की सारे खाने के स्टॉल्स खाली नज़र आ रहे थे , केवल बुक स्टॉल पर ही सबसे अधिक भीड़ पाई गयी। उस स्टॉल पर पहुंचे नवविवाहित जोड़े ने वहां आकर चार चाँद लगा दिए और यही नहीं दूल्हा विनीत सिंह और उनकी जीवनसाथी सुखदीप कौर सिंधु ने भी बुक स्टॉल पर अपनी मनपसंद किताबों का भी चयन किया।

वहां के बुक स्टॉल के संचालन शाह किताब घर पटियाला के शाह मुहम्मद ने यह बताया कि यह हमारी मतृभाषा को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छी पहल है, दूसरों को भी यह करना चाहिए, शादियों और पार्टी जैसे प्रोग्राम आदि में किताबों का स्टॉल लगाने का नियम लागू करवाना चाहिए। ताकि लोगों के भीतर किताबों के सहयोग से कुछ अच्छा किया जा सके।

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20 December 2022, 01:45 PM IST

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