मध्यप्रदेश: एक ऐसा शहर जहां आज भी होती है रावण की पूजा
मध्यप्रदेश का मंदसौर एक ऐसा शहर जहां आज भी रावण की पूजा होती है, जहां रावण से बच्चों की बीमारी ठीक करने के लिए प्रार्थना की जाती है , तो चलिए आपको बताते हैं की क्यों रावण को मंदसौर का जमाई कहा जाता है
संबाददाता- हुकुम सिंह (मंदसौर, मध्यप्रदेश)
मंदसौर: मध्यप्रदेश का मंदसौर एक ऐसा शहर जहां आज भी रावण की पूजा होती है, जहां रावण से बच्चों की बीमारी ठीक करने के लिए प्रार्थना की जाती है , तो चलिए आपको बताते हैं की क्यों रावण को मंदसौर का जमाई कहा जाता है।
ढोल ताषो के बीच रावण की पूजा करने जा रहे ये लोग नामदेव समाज के हैं। जो रावण की विशाल प्रतिमा के दर्शन और पूजन करने के लिए हर साल दशहरे पर इसी तरह जाते हैं, और रावण को अपना जमाई मानते हैं। बताया जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी, मंदसौर के नामदेव समाज की बेटी थी।
जिसके अनुसार पुराणी मान्यताओं के आधार पर रावण को जमाई मानकर मंदसौर के खानपुरा क्षेत्र में रावण की विशाल प्रतिमा नगर पालिका द्वारा बनाई जाती है और हर साल दशहरे पर रावण की पूजा की जाती है। दशहरे से पहले रावण की प्रतिमा का रंग रोगन भी किया जाता है।
ऐसी मान्यता भी है कि, छोटे बच्चो को बार-बार बुखार आता है तो रावण के पैर में लाल डोरा जिसको लच्छा कहते है, वो रावण के पैर में बांधकर प्रार्थना की जाए तो बुखार ठीक हो जाता है। ये मान्यता कई सालो से चली आ रही है, नामदेव समाज की बहुएं भी रावण को जमाई मानते हुए रावण के सामने से घूँघट लेकर निकलती थी।
हालांकि वर्तमान दौर में अब ऐसा नहीं देखा गया, लेकिन दशहरे पर दशानन को पूजकर देर रात परंपरा अनुसार रावण वध किया जाता है। रावण को जलाया नहीं जाता, इस किवंदती पर नामदेव समाज के लोगो का भी यही कहना है कि कई सालो से नामदेव समाज रावण को जमाई मानकर पूजता आ रहा है।