मध्य प्रदेश: बारिश से हुई नष्ट फसल, दिल का दौरा आने से किसान की मौत
बारिश के साथ ओले और तेज हवा के कारण नष्ट हुई फसलों के कारण किसान काफी चिंता में हैं। आपको बता दें कि रविवार को उज्जैन जिले के नजरपुर क्षेत्र में एक किसान को फसल के नुकसान का सर्वे करने पहुंची टीम के सामने ही हार्टअटैक आ गया। जिससे किसान की खेत पर ही मौत हो गई।
बारिश के साथ ओले और तेज हवा के कारण नष्ट हुई फसलों के कारण किसान काफी चिंता में हैं। आपको बता दें कि रविवार को उज्जैन जिले के नजरपुर क्षेत्र में एक किसान को फसल के नुकसान का सर्वे करने पहुंची टीम के सामने ही हार्टअटैक आ गया। जिससे किसान की खेत पर ही मौत हो गई।
29 जनवरी की रात को ग्राम नजरपुर में गिरे मावठे और तेज हवाओं के कारण सैकड़ों किसानों की गेहूं की फसलें खेतों में ही नष्ट हो गई थी। वहीं रविवार 5 फरवरी को नजरपुर गांव में फसल बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ नष्ट हुई फसलों का सर्वे कर रहे थे।
बता दें कि सर्वे दल जब किसान सुमेर सिंह राजपूत के खेत पर मुआवना कर रहा था, उसी बीच अपनी गेहूं की नष्ट हुई फसल को अधिकारियों को दिखाते वक्त किसान के सीने में अचानक तेज दर्द हुआ और वह लड़खड़ाकर नीचे गिर गया।
पूरे गांव में छाया मातम -
बता दें कि सर्वे दल और अन्य ग्रामीण कुछ समझ पाते उसके पहले ही युवा किसान की हार्टअटैक से मौत हो गई। वहीं किसान की मौत की खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम सा छा गया। ग्रामीणों का कहना है कि फसल के खराब होने से सुमेर सिंह राजपूत चिंतित था। वहीं पूर्व सरपंच मदन लाल गुजराती ने बताया कि प्राकृतिक रूप से नष्ट हुई फसलों से प्रभावित अन्य किसान भी सदमे में जी रहे हैं और वह अपने खेत पर भी जाने का साहस नहीं कर पा रहे हैं।
बैंक कर्ज और बिजली बिल माफ हो -
बता दें कि पूर्व सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि प्राकृतिक प्रकोप से नष्ट हुई फसलों से पीड़ित किसानों के बैंक कर्ज और बिजली बिल माफ किया जाए तथा फसल बीमा राशि अविलंब दिलाई जाए।