मध्य प्रदेश: दूध-गुड़ की खीर में महकी पूर्वांचल की खुशबू, डूबते सूर्य को अर्घ्‍य

चार दिनी छठ पर्व के दूसरे दिन शनिवार को खरना हुआ। इस अवसर पर व्रतधारियों ने घर की छत-आंगन पर मिट्टी के चूल्हे बनाए

calender

भोपाल। चार दिनी छठ पर्व के दूसरे दिन शनिवार को खरना हुआ। इस अवसर पर व्रतधारियों ने घर की छत-आंगन पर मिट्टी के चूल्हे बनाए। इस पर तपेली में दूध-गुड़ की खीर बनाई गई। इसके बाद शाम को प्रसाद के रूप में सेवन किया गया। सूर्य आराधना का मुख्य पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर रविवार को आस्था और उल्लास से मनाया जा रहा है।

 

इस मौके पर शहरभर में 110 स्थानों पर बने स्थायी, अस्थायी घाटों और सरोवर में छठ व्रतधारी अस्त होते सूर्यदेव को अर्घ्य देने जमा हुए हैं। इसी के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत भी पूरा होगा। पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश के ठाकुर जगदीश सिंह व महासचिव केके झा ने बताया कि छठ महापर्व के दूसरे दिन व्रतियों के घरों में खरना का आयोजन हुआ। दिनभर व्रत रखने के बाद व्रतियों ने शाम को गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करने के बाद भगवान सूर्य का ध्यान कर छठ मईया का पूर्ण विधि विधान से पूजन किया।

अरवा चावल, दूध व गुड़ की खीर और गेहूं की रोटी का प्रसाद बनाकर भगवान सूर्य और छठ मईया को समर्पित करने के बाद ग्रहण किया। पर्व के तीसरे दिन रविवार को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जा रहा है। इसके बाद व्रती अपने निर्जला उपवास का पारणा सोमवार को सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद करेंगे।

 

नाव में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य -

अन्नपूर्णा क्षेत्र के छठ व्रती इस बार नाव में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे। इस नाव को कृत्रिम जलाशय में रखकर उसमें पानी भरा जाएगा। इसके बाद अस्त होते सूर्यदेव को एक के बाद एक समूह में व्रतधारी अर्घ्य देंगे।

अर्घ्य देने के बाद कोसी भरेंगे -

भोजपुरिया वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष बटेश्वरनाथ सिंह ने बताया कि अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतधारी अपने-अपने घर जाकर कोसी भरेंगे। इस दौरान रातभर विभिन्न आयोजन होंगे। इस वर्ष व्रतधारियों की सुविधा के लिए व्यंकटेश नगर एक्सटेंशन में नया कुंड बनाया गया है। साथ ही एलईडी स्क्रीन गाड़ी द्वारा छठ पूजा के दृश्य शहर भर में दिखाए जाएंगे। First Updated : Sunday, 30 October 2022