मध्य प्रदेश: पन्ना टाइगर रिजर्व में करंट लगाकर बाघ और लकड़बग्घे का शिकार
पन्ना टाइगर रिजर्व में मंगलवार को एक बाघ और एक लकड़बग्घा की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के अनुसार यह मौत 1 दिन पूर्व करंट की चपेट में आने से हुई है। जिसकी सूचना आज विभाग को मिलने से आला अधिकारी समेत वन अमला मौके भी पर पहुंचा और घटना की जांच में जुट गया है
पन्ना, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में मंगलवार को एक बाघ और एक लकड़बग्घा की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के अनुसार यह मौत 1 दिन पूर्व करंट की चपेट में आने से हुई है। जिसकी सूचना आज विभाग को मिलने से आला अधिकारी समेत वन अमला मौके भी पर पहुंचा और घटना की जांच में जुट गया है।
ज्ञात हो कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बीते माह भी एक बाघ की फंदे में लटकने से मौत का मामला अभी लोग भूले नहीं थे कि यह दूसरी घटना सामने आ गई है। इस घटना के बाद अब पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन सवालों के घेरे में आ गया है। यह घटना पन्ना टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ रेंज अंतर्गत बसुधा बीट के कक्ष क्रमांक 521 की बताई जा रही है। बाघ की उम्र करीब 2 वर्ष बताई गई है।
बताया गया है कि जंगल में शिकारियों के द्वारा सुअर और अन्य जानवरों के शिकार के लिए विद्युत तार बिछाया गया था। जिसकी चपेट में बाघ और लकड़बग्घा के आने से दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही फील्ड डारेक्टर बृजेन्द्र झा एवं वन्य जीव विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव गुप्ता मौके पर पहुंचे और बाघ एवं लकड़बग्घा के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया। वहीं करंट फैलाने वाले शिकारियों तक पहुंचने के लिए डॉग स्कॉयड टीम बुलाकर भी जांच की जा रही है।
एक के बाद एक बाघ की मौत इस बात की ओर इशारा तो नहीं कर रही हैं कि कहीं पन्ना टाइगर रिजर्व पूर्व की भांति गर्त की ओर तो नहीं जा रहा है। ज्ञात हो कि वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन घोषित कर दिया गया था। कारण यही था कि एक के बाद एक बाघों के शिकार हो रहे थे।
वर्तमान समय में 80 से अधिक बाघों वाले इस टाइगर रिजर्व में कहीं अंतर्राष्ट्रीय शिकारियों की नजर तो नहीं पड़ गई। कहीं ना कहीं पन्ना टाइगर रियल में शिकारी सक्रिय हुए हैं तभी इस प्रकार की घटनाएं घटित हो रही हैं ऐसा माना जा रहा है।
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