मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में घर में चोरी के इरादे से घुस कर मकान मालिक की बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दो आरोपियों के महल गांव स्थित मकान को जिला प्रशासन ने जमींदोज कर दिया। आरोपी कुछ दिन पहले ही अदालत में 25- 25 साल की सजा सुनाई जाने के बाद वहां से भाग गए थे और बाद में दवाब बढ़ने पर सरेंडर कर दिया था।
बता दें कि इसके अलावा जिला प्रशासन ने पुलिस और नगर निगम अमले के साथ 24 हजार वर्गफीट शासकीय जमीन को भी मुक्त कराया और पूरी बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया गया। यह पूरा कब्जा किसने किया था यह प्रशासन को अभी पता नहीं चल सका है।
वहीं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सीबी प्रसाद ने बताया कि एंटी माफिया अभियान के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा ग्राम महल गांव के सर्वे नंबर 971 की शासकीय जमीन में अवैध तरीके से निर्मित दो मकानों को तोड़ा गया है। बता दें कि इसके अतिरिक्त महल गांव के सर्वे नंबर 971 की 400 वर्गफुट और सर्वे नंबर 970 की 20 हजार वर्गफुट जमीन यानी कुल 24 हजार वर्गफुट जमीन को भी मुक्त कराया गया है।
बता दें कि पूरी जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाकर गेट लगा लिया गया था और प्लाट काटने की तैयारियां भी चल रही थी। वहीं अपर सत्र न्यायालय में गुरुवार को लूट- डकैती और सामूहिक दुष्कर्म के दोषी गोलू उर्फ भगवान परिहार, मुकेश उर्फ मुक्की ने सरेंडर कर दिया था।
बताते चलें कि न्यायालय ने दोनों दोषियों को 28 फरवरी को 25- 25 साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनते ही दोनों आरोपी कटघरे से भाग गए थे। बता दें कि आरोपियों ने 20 अगस्त 2017 को सिंधिया नगर के पास वाली पहाड़ी पर सामूहिक दुष्कर्म और लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
- बता दें कि 2017 में आरोपी जिस घर में चोरी करने गए उसी घर किया था दुष्कर्म।
- वहीं कुछ दिन पहले न्यायलय के सजा सुनाते ही आरोपी वहां से भाग गए थे, आरोपियों ने बाद में फिर सरेंडर किया।
सीबी प्रसाद, एसडीएम झांसी रोड सब डिवीजन ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों के मकान रविवार को तोड़ दिए गए, यह मकान शासकीय जमीन पर बने हुए थे। बता दें कि इसके अलावा सात करोड़ रूपए मूल्य की बेशकीमती शासकीय जमीन को भी मुक्त कराया गया है और साथ ही कब्जेधारक का पता लगाया जा रहा है। First Updated : Monday, 06 March 2023