मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के सबसे बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों में शुमार होने वाला बादलचंद मेहता (बीसीएम) समूह अब आयकर विभाग के निशाने पर है। आयकर विभाग की टीमों ने बीसीएम ग्रुप के 40 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारकर जांच शुरू की है। बता दें कि बीसीएम ग्रुप दशकों से शहर में रियल एस्टेट के बड़े प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए जाना जाता है।
इंदौर के साथ-साथ आसपास के शहरों में भी बीसीएम ग्रुप से जुड़े भागीदारों और रेशो डील करने वाले भी आयकर विभाग की जांच के दायरे में है। भागीदारों समेत कुल मिलाकर 45 ठिकानों पर जांच के लिए आयकर विभाग की टीम पहुंची है। शहर के रियल एस्टेट कारोबारी लगातार आयकर विभाग के निशाने पर हैं। आयकर विभाग द्वारा बीते चार-पांच महीनों में शहर के पांचवे बड़े समूह पर छापा मारा गया है।
बता दें कि यह अकेला रियल एस्टेट ग्रुप है जिसके नाम पर शहर में एक रोड भी की गई है। इंदौर के अलावा मुंबई, कोलकाता और बैंगलुरू में भी समूह से जुड़े लोगों के यहां जांच के लिए टीमें पहुंची है। बीसीएम ग्रुप हाल ही में तब चर्चा में आया था जब रिलायंस ग्रुप के अस्पताल कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी के साथ उसका नाम जुड़ा।
इंदौर शहर में शुरू हुए इस अस्पताल के लिए जमीन बीसीएम ग्रुप ने ही मुहैया करवाई और अस्पताल के साथ अपना नाम भी शामिल किया है। बीसीएम ग्रुप इससे पहले जोडिएक मॉल और अन्य प्रोजेक्ट भी ला चुका है। बता दें कि बीसीएम ग्रुप के प्रोजेक्ट अन्य रियल एस्टेट समूहों के प्रोजेक्ट के मुकाबले ज्यादा दामों पर बिकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग को यह सूचना और तथ्य मिले थे कि बिक्री कीमतों के साथ प्रोजेक्ट के लिए खरीदी जाने वाली जमीन की कीमतों मेें भी कागज पर कम मूल्य दिखाया जा रहा है और साथ ही कैपिटल गेन के मामले में भी गड़बड़ी है। बीसीएम ग्रुप के प्रोजेक्ट के लिए बीते दिनों आयकर विभाग के कुछ अधिकारी खरीददार बनकर पहुंचे थे।
आयकर विभाग द्वारा कागज पर कम दामों पर बिक्री दिखाने की पुष्टी होने के बाद छापे मारे गए। बीसीएम ग्रुप के डायरेक्टरों में राजेश मेहता, नवीन मेहता, अरुण मेहता, रोहिन मेहता और ऋषभ मेहता के नाम शामिल है। वहीं गुरुवार सुबह बीसीएम ग्रुप में पैसा लगाने वाले शहर के कुछ अन्य कारोबारियों के यहां भी आयकर विभाग की टीमें पहुंची है। First Updated : Thursday, 02 February 2023