मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में शासकीय कन्या महाविद्यालय में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राकेश परमार को उच्च शिक्षा विभाग ने विभागीय शिकायतों के चलते निलंबित कर दिया है। बता दें कि शिकायतों के बाद करीब दो माह पहले उन्हें इंदौर के एडी कार्यालय में अटैच किया था।
वहीं उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरेंद्र सिंह भलावी ने कन्या महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राकेश परमार के निलंबन के आदेश सोमवार को जारी किए। उन पर महाविद्यालय में अनुशासनहीनता और महाविद्यालय की छवि को अनावश्यक बयानबाजी से धूमिल करने के आरोप थे।
कॉलेज के प्रोफेसर पर पहले भी लग चुके हैं कई आरोप -
बता दें कि महिला प्रोफेसरों के विरुद्ध आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने और इंटरनेट मीडिया पर कॉलेज के मामलों को बेवजह उछालने से डॉ परमार सुर्खियों में थे। पूर्व में भी डॉ. परमार महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य और अन्य प्रोफेसरों पर भी कई गंभीर आरोप लगाकर उनकी विभागीय शिकायत और बयानबाजी कर चुके हैं।
प्रोफेसर परमार को अलीराजपुर किया था अटैच -
बता दें कि महाविद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध षड्यंत्र करने के आरोप को लेकर प्रबंधन ने उच्च शिक्षा विभाग में तीन दिसंबर 22 को और चार जनवरी 23 को प्रोफेसर डॉ. राकेश परमार के विरुद्ध शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर 31 जनवरी को उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरेंद्र सिंह भलावी ने विभागीय जांच में प्रबंधन के आरोपों को सही मानकर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राकेश परमार को निलंबित कर, उन्हें शासकीय पीजी महाविद्यालय अलीराजपुर अटैच किया गया है।
प्रोफेसर डॉ. परमार बोले, ये तो होना ही था -
बता दें कि इंदौर के एडी ऑफिस में अटैच होने के बाद निलंबित हुए प्रोफेसर डॉ. राकेश परमार का कहना है कि, यह सब गलत हो रहा है। खुद को बचाने के लिए भ्रष्टाचारी और अनैतिक आचरण में लिप्त व्यक्ति जो भी कर सकता है, वह तो करेगा ही। इन सब बातों से मैं डरने वाला भी नहीं। यह तो होना ही था बस थोड़ी देर हो गई। First Updated : Wednesday, 01 February 2023