मध्य प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाया बैगाचक की लहरी बाई का बीज बैंक, जानिए पूरा मामला
मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले के ग्राम बैगाचक निवासी बैगा महिला लहरी बाई (27 वर्ष) का बीज बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भा गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा ट्विटर अकाउंट से लहरी बाई का जिक्र करते हुए विलुप्त हो रहे मोटे अनाजों के बीज को बचाने की प्रशंसा कर अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक बताया है
मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले के ग्राम बैगाचक निवासी बैगा महिला लहरी बाई (27 वर्ष) का बीज बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भा गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा ट्विटर अकाउंट से लहरी बाई का जिक्र करते हुए विलुप्त हो रहे मोटे अनाजों के बीज को बचाने की प्रशंसा कर अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक बताया है। दरअसल, केंद्रीय बजट में मोटे अनाज को ग्लोबल पहचान दिलाने की पहल के बाद से ही डिंडौरी जिले के बैगाचक निवासी लहरी बाई की चर्चा प्रदेश भर में होने के साथ-साथ अब प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंच गई है।
Proud of Lahari Bai, who has shown remarkable enthusiasm towards Shree Ann. Her efforts will motivate many others. https://t.co/rvsTuMySN2
— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2023
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गत दिनों यह कहकर कि डिंडौरी जिले में मोटे अनाज के प्रसंस्करण को लेकर कार्य पहले से ही चल रहा है। गौरतलब है कि लहरी बाई मोटे अनाजों की विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के लिए विगत एक दशक से कार्य कर रही हैं। लहरी बाई ने अपने कच्चे आवास में ही मोटे अनाज की 25 से अधिक विलुप्त प्रजाति के बीज का बैंक तैयार कर रखा है। बता दें कि लहरी बाई अपने गांव सहित आसपास के करीब दो दर्जन से अधिक गांव के किसानों को अनाज के बदले यह बीज उपलब्ध कराती हैं।
कलेक्टर ने जिले में मोटे अनाज बोवनी का रकबा और बढ़ाने की तैयारी भी तेज कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज ने भी इसे विस्तार देने की बात भी कही है। कलेक्टर विकास मिश्रा ने लहरी बाई को गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि भी बनाया था। यह जिले में पहला अवसर था, जब किसी बैगा महिला को गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि बनाकर मंच पर बैठाया गया था।
बैंक में हैं विलुप्त प्रजाति के बीज -
बता दें कि बैंक में तीन प्रकार के विलुप्त सलहार के बीज सहित इसी तरह- लदरी कोदो, बड़े कोदो, डोंगर कुटकी, लाल डोंगर कुटकी, नागदावन कुटकी, सिताही कुटकी, लालमडिया, गोदपारी मडिया सहित अन्य बीज भी लहरी बाई के बीज बैंक में उपलब्ध है। बैगाचक क्षेत्र में यह अनाज अब दिखने लगा है। लहरी बाई अपने आवास में मिट्टी की कोठी बनाकर इन बीजों को संरक्षित रखा है।