मध्य प्रदेश के इंदौर के बीएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड फार्मेसी की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा आखिरकार जिंदगी की जंग हार ही गई। बता दें कि पांच दिन पहले कॉलेज के ही पूर्व छात्र ने उन्हें पेट्रोल डालकर जला दिया था। जिंदगी और मौत के बीच पांच दिन चले द्वंद में शनिवार तड़के चार बजे प्राचार्य विमुक्ता शर्मा ने चोइथराम अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली।
शनिवार 25 फरवरी को जिला अस्पताल में प्राचार्य विमुक्त शर्मा का पोस्टमार्टम किया गया और फिर शव स्वजनों को सौंप दिया गया। वहीं दोपहर को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके पति और बेटी ने चिता को मुखाग्नि दी। वहीं आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव पर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने रासुका लगा दी। बता दें कि पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरणों की जानकारी समेत रासुका का प्रस्ताव भी भेजा गया था।
क्या है पूरा मामला -
इंदौर के सिमरोल थाना क्षेत्र अंतर्गत सोमवार 20 फरवरी को अंकसूची नहीं मिलने से गुस्साए कॉलेज के पूर्व छात्र ने महिला प्राचार्य पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। इस घटना में प्राचार्य विमुक्ता लगभग 90 प्रतिशत जल गई थीं और उन्हें गंभीर अवस्था में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बता दें कि सोमवार शाम करीब 4:30 बजे सिमरोल स्थित बीएम कॉलेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा कॉलेज से घर जाने के लिए निकली थीं।
प्राचार्य विमुक्ता पार्किंग में खड़ी अपनी कार के पास ही बेलपत्र तोड़ रही थीं। इसी बीच कॉलेज का पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव S/O संतोष श्रीवास्तव निवासी नागदा, उज्जैन एक बर्तन में पेट्रोल लेकर आया और उन पर डाल दिया। इससे पहले कि वे कुछ समझ पातीं उसने उन पर आग लगा दी। प्राचार्य विमुक्ता शर्मा को गंभीर हालत में इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डीआईजी ग्रामीण चंद्रशेखर सोलंकी के अनुसार कॉलेज में प्राचार्य को आग लगाने के मामले में आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपी भी आग से झुलसा -
बता दें कि बीएम कॉलेज के फार्मा विभाग में विमुक्ता शर्मा प्राचार्य हैं। आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव बीएम कॉलेज का पूर्व छात्र है। पुलिस के अनुसार घटना के दौरान आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव भी आग की चपेट में आ गया था, जिससे उसका हाथ और सीना झुलस गया है।
आत्महत्या करने तिंछा फाल पहुंचा आरोपी -
वहीं पुलिस के अनुसार आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव प्राचार्य विमुक्ता शर्मा को जलाने के बाद सीधा तिंछा फाल चला गया था। यहां वह आत्महत्या करने का प्रयास कर रहा था, तभी वहां पर तैनात चौकीदार ने उसे देख लिया। उसने डायल 100 को फोन कर इसकी सूचना दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम तिंछा फाल पहुंची और सिविल ड्रेस में कुछ पुलिसवालों ने आशुतोष से बात की। उसको अपनी बातों में उलझाया और फिर पकड़ लिया।
आरोपी ने ऐसे की थी तैयारी -
आरोपी आशुतोष घटना वाले दिन खंडवा रोड से बाइक में पेट्रोल भरवाकर पहुंचा था। इसके बाद आरोपी ने बाल्टी का जुगाड़ किया। बाइक से बाल्टी में पेट्रोल निकाला और घटनास्थल पर जाकर प्रोफेसर विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डाला और फिर लाइटर से आग लगा दी।
मार्कशीट नहीं मिलने से था नाराज -
वहीं पुलिस की पूछताछ में आरोपी आशुतोष ने बताया कि वह सातवें सेमेस्टर में फेल हो गया था। इसके बाद उसने सातवें और आठवें सेमेस्टर की परीक्षा एक साथ दी थी। उसने बताया परीक्षा का परिणाम जुलाई 2022 में आ गया था, लेकिन कई बार कॉलेज जाने के बाद भी उसे मार्कशीट नहीं दी जा रही थी। इसी बात को लेकर उसने गुस्से में आकर घटना को अंजाम दिया। वहीं पुलिस को यह भी पता चला है कि इसके पूर्व में भी आरोपी आशुतोष ने कॉलेज के प्रोफेसर विजय पटेल पर चाकू से जानलेवा हमला किया था।
आरोपी छात्र के खिलाफ पूर्व भी की है शिकायत -
बता दें कि आरोपी छात्र पहले भी प्राचार्य को परेशान कर चुका है। आरोपी छात्र कई बार प्राचार्य धमकी भी दे चुका था। प्राचार्य ने थाने पर इसकी शिकायत की थी, लेकिन मामूली सी बात समझकर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। First Updated : Saturday, 25 February 2023