मध्य प्रदेश: खराब मौसम और कोहरे की वजह से लेट हो रही ट्रेनें, रिटायरिंग और वेटिंग रूम फुल
खराब मौसम और कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार पर अंकुश लगा दिया है। एक तरफ जहां कोहरे के कारण ट्रेन निरस्त हो रही हैं, वहीं घंटों की देरी से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंच रही हैं। बता दें कि कोहरे ने यात्रियों के सफर को मुसीबत भरा बना दिया है
ग्वालियर, मध्य प्रदेश। खराब मौसम और कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार पर अंकुश लगा दिया है। एक तरफ जहां कोहरे के कारण ट्रेन निरस्त हो रही हैं, वहीं घंटों की देरी से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंच रही हैं। बता दें कि कोहरे ने यात्रियों के सफर को मुसीबत भरा बना दिया है। ज्यादातर ट्रेनें एक घंटे से लेकर बारह घंटे तक की देरी से चल रही हैं। वहीं ठंड से बचने के लिए रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, पैसेंजर हाल और बुकिंग हाल फुल हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार रविवार को भी करीब दर्जनभर ट्रेनें दो से छह घंटे तक की देरी से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंची। वहीं ट्रेन की स्थिति की स्पष्ट जानकारी न होने की वजह से यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। एक तरफ जहां घने कोहरे के प्रकोप ने आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर के रख दिया है, वहीं दूसरी तरफ इसका प्रतिकूल प्रभाव ट्रेन की रफ्तार पर भी पड़ने लगा है।
ट्रेनों का घंटों विलंब से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। बता दें कि सर्दी की शुरूआत से ही ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला शुरू हो गया था। लेटलतीफी का यह सिलसिला अब और अधिक बढ़ गया है। हालत यह है कि हबीबगंज से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस रविवार की रात्रि करीब 10 बजे के आसपास ग्वालियर पहुंची, जबकि जबलपुर से आने वाली श्रीधाम एक्सप्रेस को रेलवे ने री-शेड्यूल कर दिया।
भोपाल से आने वाली कर्नाटक एक्सप्रेस 4 घंटे 16 मिनट, महाकौशल एक्सप्रेस 1 घंटे 50 मिनट, श्रीधाम एक्सप्रेस 6 घंटे, उत्कल एक्सप्रेस 5 घंटे, शताब्दी एक्सप्रेस 2 घंटे 3 मिनट की देरी से ग्वालियर पहुंची। वहीं नई दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस 1 घंटे 52 मिनट, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 2 घंटे, पंजाब मेल 1 घंटे 58 मिनट की देरी से ग्वालियर पहुंची।
वहीं आम दिनों में ट्रेनों का संचालन सामान्य रूप से बने रहने से स्टेशन पर भीड़ दिखाई नहीं पड़ती है। लेकिन कोहरे ने इन दिनों यात्रियों के सफर को मुसीबत भरा बना दिया है। ज्यादातर ट्रेनें अपने समय से कई घंटों की देरी से चल रही हैं। जिसके चलते यात्रियों को घंटों स्टेशन पर गुजारने पड़ रहे हैं। वहीं रात में ठंड से बचने के लिए यात्री स्टेशन परिसर में बैठते हैं। क्षमता कम होने से सैकड़ों यात्रियों को प्लेटफार्म और रेलवे परिसर में खुले में बैठकर समय गुजारना पड़ रहा है।
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