मध्य प्रदेश: औरंगाबाद के जैन मंदिर से सोने की मूर्ति चुराने वाले दो आारोपी सागर से गिरफ्तार
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक जैन मंदिर से फिल्मी स्टाइल में सोने की मूर्ति चुराने वाले दो युवकों को महाराष्ट्र पुलिस ने मकरोनिया से पकड़ा है। पकड़े गए आरोपी शिवपुरी निवासी अर्पित जैन और सागर जिले के शाहगढ़ निवासी अनिल विश्वकर्मा हैं
सागर, मध्य प्रदेश। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक जैन मंदिर से फिल्मी स्टाइल में सोने की मूर्ति चुराने वाले दो युवकों को महाराष्ट्र पुलिस ने मकरोनिया से पकड़ा है। पकड़े गए आरोपी शिवपुरी निवासी अर्पित जैन और सागर जिले के शाहगढ़ निवासी अनिल विश्वकर्मा हैं।
इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने औरंगाबाद के कचनेर के श्री 1008 चिंतामणि पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ की 2.056 कि.ग्रा. वजनी मूर्ति की चोरी की है। इस प्रतिमा की कीमत एक करोड़ 5 लाख रुपए से भी अधिक है। मंदिर के प्रबंधन को इस चोरी की जानकारी पांच दिन पहले 23 दिसंबर को मिली। इसके बाद औरंगाबाद पुलिस सक्रिय हुई और आरोपियों को खोजते हुए सागर पहुंची।
मूर्ति अभिषेक के बहाने बदली -
जानकारी के मुताबिक मूर्ति बदलने के उद्देश्य से मंदिर में सेवादार का काम करने वाले आरोपी अर्पित ने पहले पीतल की मूर्ति मंगवाई। इसके बाद सोने की मूर्ति बदलने की योजना बनाई। पीतल की मूर्ति मंगवाने के बाद अर्पित ने 23 दिसंबर के आसपास अभिषेक करने के बहाने मौका देखकर पीतल की इस मूर्ति को सोने की मूर्ति से बदल दिया। इसके बाद वह मौके से गायब हो गया।
वहीं 24 घंटे के अंदर मूर्ति का रंग बदलने पर मंदिर के पुजारी को संदेह हुआ। उसने तत्काल ही मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों को इस बारे में सूचित किया। 25 दिसंबर को स्थानीय पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ चोरी का केस दर्ज हो गया।
इधर मंदिर से अर्पित भी गायब हो गया था। इसलिए सबसे पहले उस पर ही संदेह हुआ। इसी दौरान पुलिस को सोने की मूर्ति बनाने वाले जयपुर के कारीगर से पीतल की मूर्ति खरीदने का भी सुराग मिल गया। जब पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता चला सागर जिले के शाहगढ़ निवासी अनिल विश्वकर्मा ने अपने यूपीआई नंबर से पीतल की मूर्ति खरीदने के लिए भुगतान किया।
मूर्ति को खंड-खंड कर बेचा -
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इन युवकों ने मूर्ति के टुकड़े कर उसे भोपाल के एक सराफा व्यवसायी को बेच दिया था। मूर्ति को काटने के काम में शाहगढ़ निवासी अनिल विश्वकर्मा ने सहयोग किया। अनिल सागर के एक निजी कॉलेज से एम फार्मा की पढ़ाई कर रहा है। वह आरोपी अर्पित का दोस्त है।
अर्पित और अनिल सागर में ही रुके थे, जिन्हें पकड़ लिया गया। मकरोनिया टीआई एमके जगेत का कहना है कि महाराष्ट्र पुलिस ने सूचना दी थी। दोनों टीमों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ा। महाराष्ट्र पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई है।
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