मध्य प्रदेश: सिंगरौली जिले के मोरवा में अनियंत्रित होकर पलटी पिकअप, दर्दनाक हादसे में दो की मौत, 10 से अधिक घायल
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में मोरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत बरवानी तिराहा के पास बुधवार को एक पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। इस हादसे में सुशीला अगरिया (30 वर्ष) निवासी देवसर हालमुकाम चितरंगी और तिलकधारी गोंड़ (40 वर्ष) निवासी चितरंगी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में मोरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत बरवानी तिराहा के पास बुधवार को एक पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। इस हादसे में सुशीला अगरिया (30 वर्ष) निवासी देवसर हालमुकाम चितरंगी और तिलकधारी गोंड़ (40 वर्ष) निवासी चितरंगी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं 10 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरवा में भर्ती कराया गया है। जहां छह लोगों की गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें ट्रामा सेंटर भेज दिया गया।
वहीं हादसे के बाद तुरंत बाद चालक ददई सिंह गोंड़ घटनास्थल से फरार हो गया। मिली जानकारी के अनुसार हर रोज की तरह सुदूर ग्रामीण अंचल देवरी, सोठिया, चितरंगी से पिकअप में सवार होकर मजदूर मोरवा आ रहे थे। वहीं बरवानी तिराहा के कुछ दूर आगे तेज रफ्तार पिकअप का पिछला टायर अचानक फट गया जिससे वह अनियंत्रित होकर पलट गई।
इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई तथा दर्जन भर लोग भी घायल हो गए। वहीं पिकअप चालक ददई सिंह घटनास्थल से फरार हो गया। इस हादसे की जानकारी मिलने के बाद मोरवा एसडीओपी राजीव पाठक, निरीक्षक यू पी सिंह और गोरबी चौकी प्रभारी शीतला यादव पुलिस बल एवं एंबुलेंस के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गए।
घायलों के नाम -
माया पिता शिवबरण, अक्षय कुमार पिता राम सिंह, भूकयान सिंह पिता भान सिंह, सोनमती गोड पिता सूरजभान गोड़, रामप्रताप पनिका पिता बाबूलाल पनिका, शिव कुमार पनिका पिता रामदास पनिका, रानी, हेमवती पिता सूरज लाल, अर्जेंट सिंह पिता दिलीप सिंह, श्याम लाल पिता मनोहर समेत कुछ अन्य लोग घायल हुए हैं।
प्रशासनिक अधिकारी ने जाना घायलों का हाल -
बता दें कि एसडीएम विकास सिंह, नायब तहसीलदार जानवी शुक्ला सहित बचाव कार्य में लगे हुए एसडीओपी राजीव पाठक, निरीक्षक यू पी सिंह और गोरबी चौकी प्रभारी शीतला यादव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरवा पहुंचकर घायल लोगों का हाल जाना और उन्हें हर संभव उपचार का भरोसा दिलाया है।
संसाधन नहीं होने की वजह से भेड़ बकरियों की तरह आने को मजबूर -
आपको बता दें कि ग्रामीण अंचलों में संसाधन कम होने के कारण पिकअप वाहनों में मजदूर प्रतिदिन भेड़ बकरियों की तरह भरकर मोरवा आते हैं। वहीं इस हादसे में घायल हुए लोगों ने बताया कि पिकअप पूरी तरह से भरी हुई थी। मजदूरों को प्रतिदिन मजबूरी में इसी तरह जान हथेली पर रखकर मजदूरी करने आना पड़ता है।
नहीं हुआ पुलिस के पत्राचार का भी कोई असर -
आपको बता दें कि पुलिस अधिकारियों के द्वारा कई बार सुदूर ग्रामीण अंचल से बस सेवा शुरू कराने के लिए पत्र भी लिखा गया था, लेकिन अभी तक इस पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।