लंदन से आया है ये कार्डियोलॉजिस्ट पर.... फर्जी डॉक्टर ने दिल के ऑपरेशन में 7 की जान ले ली, जानिए पूरी सच्चाई!

दमोह के एक अस्पताल में फर्जी डॉक्टर ने खुद को लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट बताकर कई लोगों का ऑपरेशन किया. नतीजा, 7 लोगों की जान चली गई. इस डॉक्टर का असली नाम क्या था और अस्पताल की भूमिका क्या है? ये पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें क्योंकि मामले की जांच अब और भी चौकस हो गई है!

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Edited By: Aprajita

MadhyaPradesh: मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है जहां एक अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने कई मरीजों का दिल का ऑपरेशन किया, जिससे 7 लोगों की मौत हो गई. मामला तब सामने आया जब एक शख्स ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि वहां एक व्यक्ति ने खुद को लंदन का प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट बताकर ऑपरेशन किए थे. इन ऑपरेशनों के बाद मरीजों की हालत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला दमोह जिले के मिशन अस्पताल का है जहां दीपक तिवारी नामक व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए हैं. तिवारी ने आरोप लगाया कि जनवरी और फरवरी के महीने में अस्पताल में एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने 15 लोगों के दिल का ऑपरेशन किया. इनमें से 7 लोगों की जान चली गई. आरोप है कि इस व्यक्ति ने खुद को 'लंदन के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट' एनजॉन केम बताया और अस्पताल में काम करने के लिए भर्ती हो गया.

दीपक तिवारी ने आगे कहा कि इन ऑपरेशनों के दौरान मरीजों की मौत के बाद उनके परिवार वालों से मोटी फीस ली गई और शवों को बिना पोस्टमार्टम किए दे दिया गया. साथ ही, अस्पताल की ओर से मृतकों के परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को दबा दिया गया और किसी को इस मौत की जानकारी नहीं दी गई. इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत की गई है.

फर्जी डॉक्टर का पर्दाफाश: असलियत क्या है?

मामले की गहन जांच में सामने आया कि जिस व्यक्ति ने खुद को लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में पेश किया था, उसका असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव था, और वह इस नाम के साथ कई देशों में फर्जी डॉक्टरी डिग्री का दावा करता था. यह व्यक्ति प्रोफेसर जॉन केम के नाम का दुरुपयोग कर रहा था, जो एक प्रतिष्ठित कार्डियोलॉजिस्ट हैं. जब इस मामले की पड़ताल की गई तो प्रोफेसर जॉन केम ने पुष्टि की कि इस व्यक्ति का उनसे कोई संबंध नहीं है और यह उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर रहा है.

अस्पताल और आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की मांग

दीपक तिवारी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक शिकायत पत्र भेजकर आरोप लगाया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने मृतकों के परिवार से मोटी रकम वसूली और उन्हें बिना पोस्टमार्टम के शव लौटाए. उन्होंने यह भी मांग की है कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए और आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए.

दमोह के जिला कलेक्टर सुधीर कोचर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है. कलेक्टर ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.

कौन हैं आरोपी डॉक्टर?

आरोपी डॉक्टर का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है. उसने खुद को 'एनजॉन केम' नाम से पेश किया था, और दावा किया था कि वह लंदन से कार्डियोलॉजिस्ट है. जांच में पता चला कि वह एक व्यक्ति था जो विदेशों में कई देशों में अपनी पहचान बदलकर गलत तरीके से मेडिकल प्रोफेशन में काम कर रहा था.

यह मामला न केवल एक गंभीर अपराध है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य प्रणाली की विफलताओं को भी उजागर करता है. एक बिना प्रमाण के व्यक्ति को अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह सवाल उठता है, जो अस्पताल और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गंभीर सवाल खड़े करता है.

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06 April 2025, 11:31 AM IST

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