Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की जान जाने के बाद जमात-ए-इस्लामी ने गहरी संवेदना व्यक्त की और योगी सरकार से कुछ अहम मांगें की हैं. उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं यह साबित करती हैं कि विशाल भीड़ में सुरक्षा की योजना और भीड़ नियंत्रण की सख्त जरूरत है.

समान सुरक्षा की मांग

जमात-ए-इस्लामी ने यह भी कहा कि महाकुंभ में सिर्फ वीआईपी की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि आम श्रद्धालुओं को भी वीआईपी जैसी सुरक्षा मिलनी चाहिए. उनका मानना है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने सरकार से अपील की कि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सही व्यवस्था की जाए.

शोक और संवेदना

जमात-ए-इस्लामी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुखद घड़ी में वे पीड़ित परिवारों के साथ हैं. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के लिए दुआ की और इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.

योगी सरकार से बड़ी मांग

जमात-ए-इस्लामी ने उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार से यह आग्रह किया कि वे अपनी व्यवस्था में सुधार करें ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि आम तीर्थयात्रियों को भी वीआईपी की तरह सुरक्षा मिलनी चाहिए और इसके लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए.

कर्नाटक और असम के श्रद्धालु भी शामिल

महाकुंभ में हुई इस भगदड़ में न सिर्फ उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु थे, बल्कि कर्नाटक, असम और गुजरात के लोग भी शामिल थे. हादसे में चार कर्नाटकी, एक असमिया और एक गुजराती श्रद्धालु की मौत हुई है.

हादसे के बाद अमृत स्नान में देरी

घटना के कारण अमृत स्नान में भी विलंब हुआ. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्नान के समय में बदलाव किया गया था. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि अब स्थिति सामान्य है और व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. यह हादसा महाकुंभ के इतिहास में एक बड़ी दुखद घटना बनकर सामने आया है. जमात-ए-इस्लामी की अपील के बाद, अब यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए.