Mahakumbh 2025: UP सरकार की तिजोरी में आ सकते है 2000000000000 रुपये, क्या मिलने वाला है कोई कुबेर का छिपा खजाना... जानिए कैसे!'
महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो चुकी है और इस बार इसे लेकर उम्मीदें आसमान छू रही हैं! इस मेले से यूपी सरकार को ₹2 लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार होने की संभावना है। महाकुंभ में करीब 40 करोड़ लोग आएंगे, जिससे होटल, ट्रैवल कंपनियों और लोकल व्यापार को भी जबरदस्त फायदा होने वाला है। जानिए कैसे महाकुंभ एक धार्मिक मेला होने के साथ-साथ आर्थिक हलचल भी पैदा कर रहा है!
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 का इंतजार अब खत्म हो चुका है और आज यानी 13 जनवरी से इस ऐतिहासिक मेले की शुरुआत हो चुकी है। यह मेला 26 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान लाखों श्रद्धालु और पर्यटक प्रयागराज पहुंचेंगे। महाकुंभ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी यह भारत और उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ा अवसर बनकर सामने आया है।
महाकुंभ से दो लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना
यूपी सरकार के अनुसार, इस महाकुंभ मेला से करीब 2 लाख करोड़ रुपये तक का व्यापार होने की उम्मीद है, जबकि कुछ उद्योग विशेषज्ञ इसे 4 लाख करोड़ रुपये तक का आंकलन कर रहे हैं। इस मेले के चलते यूपी सरकार की तिजोरी भरने के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था को भी एक जबरदस्त बूस्ट मिलने की संभावना है। खास बात यह है कि महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ पर्यटकों के आने की उम्मीद जताई जा रही है और हर पर्यटक औसतन 5,000 से 10,000 रुपये खर्च करेगा।
प्रयागराज की होटल और ट्रैवल इंडस्ट्री में उछाल
महाकुंभ के चलते प्रयागराज और आसपास के शहरों की होटल इंडस्ट्री भी रफ्तार पकड़ चुकी है। होटल और ट्रैवल कंपनियों के बुकिंग्स में भारी वृद्धि देखी जा रही है। प्रयागराज के होटल पूरी तरह से बुक हो चुके हैं और ट्रैवल कंपनियों के पास भी कम सीटें बची हैं। ओयो प्रवक्ता के अनुसार, महाकुंभ के कारण बुकिंग में दोगुनी वृद्धि हुई है और शाही स्नान के दिनों में कमरों की मांग तीन गुना तक बढ़ गई है।
महाकुंभ से यूपी सरकार को मिलेगा लाखों करोड़ रुपये का रेवेन्यू
सरकार के अनुमान के मुताबिक, यदि महाकुंभ में 40 करोड़ पर्यटक आते हैं और वे औसतन 5,000 रुपये खर्च करते हैं, तो इसका कुल व्यापार 2 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। वहीं, अगर प्रति व्यक्ति खर्च बढ़कर 10,000 रुपये तक पहुंचता है, तो यह आंकड़ा 4 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकता है। ऐसे में यूपी सरकार को करीब 25,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हो सकता है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाएगा।
महाकुंभ का असर सिर्फ प्रयागराज ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश पर होगा
महाकुंभ मेले के कारण न केवल प्रयागराज बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। होटल, ट्रैवल, लोकल व्यापार, मेला उत्पादों की बिक्री, धार्मिक सेवाओं से जुड़े व्यापार सभी में भारी वृद्धि की संभावना है। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक मेला है, बल्कि एक व्यापारिक महोत्सव भी बन चुका है, जो यूपी और भारत के लिए बड़ा आर्थिक अवसर है।
महाकुंभ का महत्व और आर्थिक प्रभाव
महाकुंभ जैसे मेले भारतीय संस्कृति, धर्म और अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। जहां एक ओर लाखों लोग अपनी धार्मिक आस्थाओं को पूरा करने के लिए जुटते हैं, वहीं यह अवसर व्यापार, रोजगार और निवेश के लिए भी महत्वपूर्ण बनता है। यूपी सरकार और स्थानीय व्यवसायों को इस मेले से काफी उम्मीदें हैं, और इससे जुड़े हर क्षेत्र को लाभ पहुंचने की संभावना है। यह महाकुंभ न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है, बल्कि एक आर्थिक शक्ति के रूप में भी सामने आ रहा है।