एक धक्का और संगम पर मच गई भगदड़...चश्मदीदों ने सुनाई आंखों देखा हाल
Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के मौके पर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में गंगा-यमुना संगम पर भारी भीड़ उमड़ी, जिससे भगदड़ मच गई. इस घटना में सैकड़ों श्रद्धालु अपने परिवार से बिछड़ गए. चश्मदीदों का कहना है कि जब लोग स्नान के लिए उमड़ पड़े, तो रास्तों पर भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि लोग एक-दूसरे को धक्का-मुक्की करते हुए गिर पड़े.
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुए हादसे ने संगम नगरी को हिला कर रख दिया. अनुमान से अधिक भीड़ उमड़ने के कारण अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु अपने परिवार और साथियों से बिछड़ गए. चंदौली से आए अवधेश और बलिया की सविता अपने साथियों को खोजते हुए अस्पताल-दर-अस्पताल भटक रहे हैं. उनके आंखों देखी कहानी रूह कंपा देने वाली है.
अवधेश और सविता जैसे कई श्रद्धालु अपनों की तलाश में अस्पतालों और सहायता केंद्रों में भटक रहे हैं. प्रशासन घायलों को उपचार दिलाने में जुटा हुआ है, लेकिन भगदड़ के बाद मची अफरातफरी में कई लोग अब तक लापता हैं. आखिर कैसे हुई ये भगदड़ और किस तरह बिछड़ गए श्रद्धालु? पढ़िए चश्मदीदों की जुबानी.
धक्का आया और सब बिछड़ गए
चंदौली से आए अवधेश बताते हैं, "हम पांच लोग संगम स्नान के लिए जा रहे थे. भीड़ बहुत ज्यादा थी, लेकिन हम संभलकर आगे बढ़ रहे थे. अचानक पीछे से तेज धक्का आया, सब लड़खड़ा गए. हम खुद को संभालने में लगे थे कि तभी किसी ने बहुत जोर से धक्का दिया और मैं गिर पड़ा. किसी तरह पूरी ताकत लगाकर उठा, तो देखा आसपास कोई नहीं था."
अवधेश के मुताबिक, वह अपने दोस्तों को आवाज लगाते रहे, लेकिन इतना शोर था कि कुछ भी सुनाई नहीं पड़ रहा था. पुलिसकर्मियों ने उन्हें अस्पताल भेजा, लेकिन वहां भी उनके साथी नहीं मिले. वह अब अस्पतालों और सहायता केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं, इस उम्मीद में कि शायद कोई अपनों की खबर दे सके.
ठंड में भी पसीने से तर-बतर थे श्रद्धालु
अवधेश बताते हैं कि उनके गांव से दो लोग साथ आए थे, जबकि चार और लोग पहले से प्रयागराज में मौजूद थे. "हम सब संगम की ओर बढ़ रहे थे. अचानक धक्का-मुक्की बढ़ गई. हम पसीने से तर-बतर हो गए. तभी हमारे साथ चल रही एक महिला अचानक गिरकर बेहोश हो गई. जब हम उठे, तो चारों ओर अफरा-तफरी मची थी और हमारे साथी गायब थे."
बलिया की सविता की आंखों में आंसू, अपनों की तलाश जारी
बलिया से आई सविता भी अस्पताल में अपने बिछड़े साथियों को खोज रही थी. वह रोते हुए बोलीं, "हम स्नान करने आए थे, लेकिन अब अपने लोगों को ढूंढ रहे हैं. भगदड़ में सब इधर-उधर हो गए. कोई कुछ बता नहीं रहा है. बस अस्पताल भेज रहे हैं, लेकिन वहां कोई नहीं मिल रहा."
प्रशासन अलर्ट, घायलों का इलाज जारी
मौनी अमावस्या पर उमड़ी अनुमान से अधिक भीड़ ने हालात बिगाड़ दिए. सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी, लेकिन अचानक भगदड़ के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. प्रशासन अब घायलों को इलाज दिलाने और लापता श्रद्धालुओं की तलाश में जुटा है. घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जबकि मृतकों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है. प्रयागराज पुलिस और स्थानीय प्रशासन अपनों से बिछड़े लोगों को मिलाने के लिए सहायता केंद्रों पर भीड़ को नियंत्रित कर रहा है.
क्या भीड़ प्रबंधन में हुई चूक?
मौनी अमावस्या पर हर साल लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए संगम तट पर आते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं. क्या भीड़ को नियंत्रित करने में कोई चूक हुई? क्या सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत थी. भगदड़ के बाद अपनों से बिछड़े लोगों की करुण कहानी इस बात का संकेत है कि भीड़ प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है. प्रशासन इस घटना से सबक लेकर आने वाले शाही स्नान 0और अन्य महत्वपूर्ण तिथियों पर सुरक्षा को और कड़ा करने की योजना बना रहा है.