...तो क्या कट जाएगा शिंदे का पत्ता? जानें BJP का महाराष्ट्र प्लान
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का दौर चल रहा है. यहां भाजपा एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आना चाहती है. इसके लिए फार्मूला भी तय कर लिया गया है. हालांकि, इसे लेकर फैसला चुनाव के बाद ही होना है. आइये जानें उन समीकरणों के बारे में जिनके आने से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का पत्ता कट सकता है.
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सहयोगी दलों को उनकी इच्छा के अनुसार सीटें देकर यह साफ कर दिया है कि चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री पद उसी दल को मिलेगा जो सबसे अधिक सीटें जीतेगा. भाजपा की ओर से यह संकेत भी है कि देवेंद्र फडणवीस उनके मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे. हालांकि, भाजपा और महायुति गठबंधन के अन्य दलों ने मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं की है, लेकिन शिवसेना नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है.
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे, एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार, तथा भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस चर्चा में राज्य में सीटों के वितरण और आगामी चुनावी रणनीति पर निर्णय लिए गए. भाजपा ने इस बार ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिससे संकेत मिलता है कि गठबंधन की जीत के बाद मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा.
फॉर्मूले के तहत सीटों का बंटवारा
भाजपा के दोनों सहयोगी दलों, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) ने अधिक सीटों की मांग की है. सूत्रों के अनुसार, चुनाव के नतीजे और भाजपा के प्रदर्शन पर ही मुख्यमंत्री का फैसला होगा. यदि भाजपा अपेक्षा के अनुसार सीटें नहीं जीत पाती है तो अन्य सहयोगी दल भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं. हालांकि, चुनाव के बाद गठबंधन की स्थिति को देखते हुए ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
बदलते समीकरण और नए फैसले की संभावना
अगर चुनाव के बाद भाजपा गठबंधन को बहुमत पाने में कठिनाई होती है और नए राजनीतिक समीकरण बनते हैं तो मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति बदल सकती है. फिलहाल भाजपा और महायुति गठबंधन का मुख्य लक्ष्य राज्य में सरकार बनाना है और इसके लिए वे एकजुट होकर चुनाव मैदान में हैं.
सहयोगी दलों में सहमति और नेतृत्व की चुनौती
शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) ने भाजपा के फॉर्मूले पर सहमति जताई है. अजित पवार का मानना है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री पद पर बने रहना ही उचित होगा. शिवसेना के नेता शिंदे चाहते हैं कि उनके नेतृत्व में सामाजिक समीकरणों को साधा जाए. हालांकि, भाजपा का अब ध्यान इस ओर है कि जीत के बाद देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाए.