Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को लेकर पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. इस बीच, महाविकास अघाड़ी (MVA) को लेकर बड़ी चर्चाएं हो रही हैं. आगामी चुनावों को लेकर रणनीति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. माना जा रहा है गठबंधन अब मुस्लिम समाज पर फोकस करने वाला है. वो आम चुनाव में हुए ध्रुवीकरण को ध्यान में रखते हुए रणनीति पर काम कर रहा है.
महाविकास अघाड़ी ने लोकसभा चुनावों में जातिगत समीकरण, धार्मिक ध्रुवीकरण, और वोटिंग पैटर्न को ध्यान में रखते हुए नई नीतियों पर काम शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि इस बार राजनीतिक लाभ लेने के लिए मुस्लिम चेहरे को मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में सामने ला सकती है.
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि महाविकास अघाड़ी भविष्य में एक मुस्लिम उपमुख्यमंत्री बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. लोकसभा चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं ने MVA के पक्ष में बड़ी संख्या में वोट किया था. इसी कारण महायुति को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. उदाहरण के तौर पर, धुले, पूर्वोत्तर मुंबई और उत्तर मध्य मुंबई जैसे क्षेत्रों में MVA को फायदा और महायुति को भारी नुकसान हुआ था.
ये माना जाता है कि मुस्लिम मतदाता भाजपा को वोट नहीं देते. लोकसभा चुनावों में स्पष्ट रूप से देखा भी गया है. इसी पैटर्न को फॉलो करते हुए हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनावों में भी वोटिंग देखी गई. पिछले चुनावों के आंकड़ों से यह भी साफ दिखा है कि मुस्लिम वोट भाजपा के विरोध में पड़ते हैं.
एमवीए की चिंता यह भी है कि उसका मूल वोट बैंक एमआईएम या वंचित बहुजन अघाड़ी की ओर न खिसक जाए. इसी दिशा में कदम उठाते हुए उद्धव ठाकरे ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति विधानसभा चुनावों में भी जारी रहेगी.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ध्रुवीकरण की राजनीति का अंत फिलहाल दिखाई नहीं देता. कांग्रेस की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है, जबकि भाजपा इस ध्रुवीकरण से लाभ उठाने की कोशिश कर रही है. भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अब नई मुस्लिम लीग बन चुकी है और हिंदुओं का कांग्रेस के साथ कोई भविष्य नहीं है.