महाराष्ट्र के नागपुर में इन दिनों बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में इस वायरस के कारण तीन बाघों और एक तेंदुए की मौत हो गई. यह पहला मामला है जब इस वायरस ने कैद में रहने वाले वन्यजीवों को इतनी बड़ी संख्या में प्रभावित किया है. यह वायरस पहले पक्षियों के बीच फैलता था, लेकिन अब यह बड़े जानवरों, खासकर बाघों और तेंदुओं को भी प्रभावित कर रहा है.
इस घटना के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी चिड़ियाघरों और बचाव केंद्रों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है. सभी केंद्रों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को कड़ा किया गया है. इसके साथ ही जानवरों के स्थानांतरण पर भी रोक लगा दी गई है.
बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने सभी चिड़ियाघरों और वन्यजीव बचाव केंद्रों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है. इसके साथ ही जानवरों के ट्रांसफर करने पर रोक लगा दिया है. इसके साथ ही जैव सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया गया है. केंद्रीय मंत्रालय ने 3 जनवरी को एक परिपत्र जारी कर इस स्थिति की गंभीरता को रेखांकित किया है और सभी संबंधित अधिकारियों को वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने की सलाह दी है.
नागपुर में वायरस के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए, संक्रमित जानवरों का स्थानांतरण शुरू कर दिया गया है और अगले 15-20 दिनों तक कड़ी निगरानी रखी जाएगी. आईसीएआर-एनआईएचएसएडी द्वारा की गई जांच में मृत जानवरों में वायरस की पुष्टि हुई है, जिससे यह वायरस वन्यजीवों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है.
केंद्रीय मंत्रालय ने सभी चिड़ियाघरों और वन्यजीव केंद्रों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध संक्रमित जानवर की पहचान करने के लिए निगरानी बढ़ाने की सलाह दी है. संक्रमित जानवरों को अलग करके विशेष केंद्रों में भेजने का भी प्रयास किया जा रहा है ताकि वायरस के फैलाव को रोका जा सके. First Updated : Monday, 06 January 2025