महाराष्ट्र : भाजपा ने राज्यसभा की छह में से तीन सीटें जीतीं, एमवीए गठबंधन के लिए बड़ा झटका
महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा ने शनिवार को राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के महा विकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन को झटका देते हुए राज्यसभा की छह में से तीन सीटों पर जीत दर्ज की। इस बीच, एमवीए ने मतगणना में आठ घंटे की देरी पर सवाल उठाए हैं।
महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा ने शनिवार को राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के महा विकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन को झटका देते हुए राज्यसभा की छह में से तीन सीटों पर जीत दर्ज की। इस बीच, एमवीए ने मतगणना में आठ घंटे की देरी पर सवाल उठाए हैं।
निर्वाचन आयोग की ओर से विजयी घोषित उम्मीदवारों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल, राज्य के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और धनंजय महादिक, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी शामिल हैं। आयोग के मुताबिक, कुल 284 वैध मतों में से गोयल को 48, बोंडे को 48, महादिक को 41.56, राउत को 41, प्रतापगढ़ी को 44 और पटेल को 43 वोट मिले। मुकाबला छठी सीट के लिए था, जिस पर भाजपा ने पूर्व सांसद धनंजय महादिक को चुनाव मैदान में उतारा था, जबकि संजय पंवार शिवसेना के प्रत्याशी थे। दोनों पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर से ताल्लुक रखते हैं।
छठी सीट पर पवार को महादिक के हाथों हार का सामना करना पड़ा। छठी सीट पर कांटे की टक्कर के बीच कांग्रेस और भाजपा ने एक-दूसरे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग तक से संपर्क किया। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, “चुनाव सिर्फ लड़ने के लिए नहीं, बल्कि जीतने के लिए लड़ा जाता है। जय महाराष्ट्र।” फडणवीस के राज्यसभा के लिए सर्वसम्मति बनाने की एमवीए की पेशकश ठुकराने के बाद ही राज्य में 24 साल बाद चुनाव हुए।
भाजपा और सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा क्रॉस वोटिंग और नियमों के उल्लंघन की शिकायतों के बीच मतगणना आठ घंटे की देरी से शुरू हुई। भाजपा और शिवसेना, दोनों ने ही "क्रॉस वोटिंग" का आरोप लगाते हुए और कुछ वोट अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी को शिवसेना विधायक सुहास कांडे द्वारा डाले गए वोट को खारिज करने का निर्देश दिया, जिसके बाद देर रात एक बजे के बाद मतगणना शुरू हुई। पहला परिणाम दो घंटे में आया। चौंकाने वाले नतीजों के बाद कांग्रेस नेताओं ने एमवीए में समन्वय की कमी की बात मानी। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने विधान भवन में संवाददाताओं से कहा कि यह मंथन का विषय है कि कहां चूक हुई। उन्होंने कहा, “भाजपा मतगणना को रुकवाने और एक वोट को अमान्य घोषित कराने में सफल रही। हमें विश्वास था कि हमारे चारों उम्मीदवार आराम से जीत जाएंगे।” कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि वह अपनी जीत से खुश हैं, लेकिन शिवसेना के संजय पवार की हार दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं, राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना जारी रखेंगे कि महाराष्ट्र की चिंताओं को सुना जाए और उनका समाधान किया जाए। उन्होंने ट्वीट किया, “मुझे राज्यसभा सदस्य के रूप में सेवा करने का मौका देने के लिए मेरे सभी समर्थकों और शुभचिंतकों का बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे यह जिम्मेदारी सौंपने के लिए मैं माननीय पवार साहब और राकांपा का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।”
पटेल ने कहा, “मैं आपके समर्थन से अभिभूत हूं और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करता रहूंगा कि आपकी और मेरे महाराष्ट्र की चिंताओं को सुना और संबोधित किया जाए।” उधर, संजय राउत ने एमवीए के चौथे उम्मीदवार की हार के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने हमारे एक वोट को अमान्य कर दिया। हमने दो मतों का विरोध किया, लेकिन उस मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। चुनाव आयोग ने उनका (भाजपा) समर्थन किया।”