Maharashtra: अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हुए डिप्टी स्पीकर, तीसरी मंजिल से लगाई छलांग
महाराष्ट्र से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. अजित पवार के गुट के विधायक और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी. बताया जा रहा है कि उन्होंने एसटी रिजर्वेशन को लेकर यह कदम तब उठाया है जब उनकी कोई सुन नहीं रहा था.
Maharashtra Deputy Speaker: महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और अजित पवार गुट के विधायक नरहरि जिरवाल मंत्रालय भवन की तीसरी मंजिल से कूद गए. बताया जा रहा है कि उन्होंने धनगर समाज को ST कोटे से आरक्षण देने के विरोध में मंत्रालय की तीसरे मंजिल से छलांग लगाई है. डिप्टी स्पीकर का कहना है कि कोई भी उनकी बात नहीं सुन रहा, जिसकी वजह से डिप्टी स्पीकर समेत कई आदिवासी विधायकों ने यह कदम उठाया है. सोशल मीडिया पर उनके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं.
वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एनसीपी विधायक जरीवाल समेत आदिवासी नेताओं को कूदने के बाद सुरक्षा जाल से बचाया जा रहा है. फुटेज में नेताओं को जाल पर लेटे हुए भी देखा जा सकता है. जबकि अधिकारी उन तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि इस घटना में कोई भी प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ.
#WATCH | NCP leader Ajit Pawar faction MLA and deputy speaker Narhari Jhirwal jumped from the third floor of Maharashtra's Mantralaya and got stuck on the safety net. Police present at the spot. Details awaited pic.twitter.com/nYoN0E8F16
— ANI (@ANI) October 4, 2024
उन्होंने कहा कि इन महीनों में शिक्षकों, वन रक्षकों और राजस्व तथा स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न अन्य पदों के लिए भर्तियां की गई हैं. जबकि गैर-आदिवासी उम्मीदवार या तो शामिल हो गए हैं या उन्हें नियुक्ति पत्र सौंप दिए गए हैं, लेकिन आदिवासी उम्मीदवार जिनके लिए PESA में पद आरक्षित थे, उन्हें अभी भी भर्ती नहीं किया गया है. PESA के तहत, आदिवासी छात्रों को नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें बताया गया कि उन्हें पूर्णकालिक नियुक्ति नहीं मिल सकती है. उन्होंने सीएम शिंदे से मिलने की भी कोशिश की, लेकिन वे सीएम से नहीं मिल पाए. इसलिए उन्हें आक्रामक रुख अपनाना पड़ा. वे शुक्रवार को पहले सीएम से मिले थे, लेकिन वे उनके जवाब से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने छलांग लगा दी.
पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्र का चरवाहा समुदाय धनगर अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है. समुदाय का कहना है कि उसे कोटा से वंचित किया गया है क्योंकि केंद्र के डेटाबेस में ‘धनगर’ का कोई उल्लेख नहीं है, बल्कि इसके बजाय ‘धंगड़’ को एसटी का हिस्सा बताया गया है. धनगर वर्तमान में खानाबदोश जनजातियों की सूची में हैं.
इससे पहले सितंबर में, यशवंत सेना के प्रमुख माधव भाऊ गाडे ने कहा था, "अगर मुख्यमंत्री के पास धनगर आरक्षण और हमारी अन्य मांगों को समझने का समय नहीं है, तो हमें उनकी भी जरूरत नहीं है."