Mahashivaratri 2023: नर्मदा नदी पर बने झूला पुल का टूटा तार, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन में श्रद्धालुओं को हो सकती है परेशानी
खंडवा जिले के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचने के लिए नर्मदा नदी पर बने पैदल झूला पुल का एक तार बुधवार सुबह टूटने से हड़कंप मच गया। इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, जिला प्रशासन ने फिलहाल नए पुल से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी है
मध्य प्रदेश में खंडवा जिले के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचने के लिए नर्मदा नदी पर बने पैदल झूला पुल का एक तार बुधवार सुबह टूटने से हड़कंप मच गया। इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, जिला प्रशासन ने फिलहाल नए पुल से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी है। एनएसडीसी की टीम और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा पुल की जांच की जा रही है।
बता दें कि ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए झूला पुल 18 वर्ष पूर्व में बनाया गया था। बता दें कि कुछ समय पहले गुजरात के मोरवी में झूला पुल गिरने पर ओंकारेश्वर के झूला पुल की भी जांच की गई थी। तब इस झूला पुल को पूरी तरह सुरक्षित बताया गया था। वहीं अधिकारियों की लापरवाही के चलते और लगातार ध्यान ना रखने की वजह से झूला पुल का एक तार टूट कर जमीन पर आ गिरा है।
वहीं जानकारों का यह कहना है कि एक तार टूटने से पुल के गिरने जैसी कोई संभावना नहीं है, लेकिन तार का टूट कर गिरना जिम्मेदारों की लापरवाही को तो प्रदर्शित करता ही है। वहीं तीर्थ नगरी में लगातार और पर्वों के चलते भीड़ उमड़ी, इसे देखते हुए नए पुल से आवाजाही थमने से ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शनार्थियों को आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि महाशिवरात्रि 18 फरवरी को है। साथ ही दूसरे दिन रविवार और सोमवार को सोमवती अमावस्या भी आ रही है। इस प्रकार तीन दिन में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के यहां पर आने की संभावना है। एनएसडीसी (राष्ट्रीय कौशल विकास निगम) के महाप्रबंधक प्रसन्न कुमार दीक्षित ने बताया कि समय-समय पर प्रशासन को झूला पुल की भार क्षमता के अनुसार ही भीड़ के समय प्रवेश का पत्र लिखा गया है।
पर्वों के दौरान अत्यधिक भीड़ का दबाव झूला पुल पर हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को सूचित कर भार क्षमता के अनुकूल ही भीड़ को झूला पुल से निकलने की अनुमति देना उचित होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि झूला पुल का जो तार टूटा है उसकी रिपेयरिंग के बाद ही झूला पुल से आवा-गमन संभव होगा। तब तक के लिए झूला पुल आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा।
पुल से आवा-गमन रोकने से बढ़ेगी परेशानी -
बता दें कि झूला पुल का उपयोग फिलहाल सुरक्षित नहीं होने से प्रशासन के लिए भीड़ पर नियंत्रण रखना चुनौती साबित होगा। वहीं झूला पुल पर लगे हुए मधुमक्खी के छत्ते भी किसी भयानक दुर्घटना का कारण बन सकते हैं, जिम्मेदारों द्वारा लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या के मद्देनजर झूला पुल में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए।
वहीं भाजपा नेता प्रभाकर केरालकर और समाजसेवी प्रदीप ठाकुर ने जिम्मेदारों का ध्यान आकर्षित करते हुए पुराना जेपी चौक से आने वाला पुल और झूला पुल के भार क्षमता के अनुसार ही यात्रियों को प्रवेश देने की मांग की है। बता दें कि झूला पुल और जेपी चौक के पास बने हुए पुराने पुल की आवश्यकतानुसार मरम्मत की मांग भी जिम्मेदारों से की है।
वहीं कलेक्टर अनूप सिंह का कहना है कि टेक्निकल टेस्टिंग और पुष्टि के बाद ही झूला पुल पर से श्रद्धालुओं की आवाजाही प्रारंभ की जाएंगी। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए आवश्यकता पड़ने पर महाशिवरात्रि पर दर्शनार्थियों से ऑनलाइन दर्शन की अपील भी की जा सकती है।