Maharastara Election: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा और महायुति के अंदरूनी चर्चाओं को लेकर राजनीति के गलियारों में काफी हलचल बनी हुई है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में TV9 मराठी कॉन्क्लेव में यह स्पष्ट किया कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का चयन किसके पक्ष में होगा, यह निर्णय महायुति के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.
फडणवीस ने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी विशेष चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है. उनका कहना था कि चुनाव के बाद कौन मुख्यमंत्री बनेगा, यह पूरी तरह से संसदीय बोर्ड का अधिकार है. उन्होंने यह भी बताया कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था और चुनाव के बाद सब एक साथ बैठकर इस पर निर्णय लेंगे.
संसदीय बोर्ड लेगा फैसला
फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके और शिंदे के बीच श्रेय लेने की कोई लड़ाई नहीं है. सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से प्रचार कर रही हैं और मुख्यमंत्री के पद पर चयन के मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है. उनके अनुसार चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की नियुक्ति के संदर्भ में संसदीय बोर्ड एक साथ बैठकर फैसला करेगा और इसके लिए शिंदे और अजित पवार को भी बोर्ड में शामिल किया जाएगा.
चक्रव्यूह तोड़ना आता है: फडणवीस
विपक्षी दलों के हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने स्वयं को 'आधुनिक अभिमन्यु' करार दिया और कहा कि वे चक्रव्यूह में घुसने और बाहर निकलने का पूरा ज्ञान रखते हैं. मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे के बयान पर फडणवीस ने कहा कि शरद पवार से आश्वासन लिया जाना चाहिए कि सत्ता में आने पर मराठों को ओबीसी आरक्षण मिलेगा.
चुनाव के बाद होगा अंतिम फैसला
फडणवीस ने यह भी उल्लेख किया कि विपक्षी दल उन पर आरोप लगाकर विकास के मुद्दों से ध्यान हटाना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि राज्य की जनता उनकी छवि और कामकाज को अच्छी तरह जानती है और वे इन आरोपों के बावजूद एक महान नेता मानते हैं. इस तरह, फडणवीस के बयान से स्पष्ट हो गया है कि महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई पूर्वनिर्धारित निर्णय नहीं है और चुनाव के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. First Updated : Friday, 06 September 2024