दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर पिलर गिरने से बड़ा हादसा, 2 मजदूर घायल
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान एक पिलर गिरने से दो मजदूर घायल हो गए. इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद, दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का समय 6 घंटे से घटकर 3 घंटे रह जाएगा. 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस एक्सप्रेसवे से उत्तराखंड और दिल्ली के बीच कनेक्टिविटी में भारी सुधार होगा.

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान एक पिलर के गिरने से बड़ा हादसा हो गया. बड़गांव क्षेत्र के मोरा गांव के पास पिलर नीचे गिरा, जिस वजह से दो मजदूर घायल बताए जा रहे हैं. रामपुर मनिहारान की एसडीएम श्वेता पांडे ने बताया कि जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे. अधिकारियों के मुताबिक, दो मजदूर घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सोशल मीडिया पर जो खबर फैल रही है, वो सच नहीं है. स्थिति सामान्य है.
दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा होगी आसान
ये एक्सप्रेसवे पूरा होने पर दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का समय 6 घंटे से घटकर केवल 3 घंटे रह जाएगा. इसके अलावा, अक्षरधाम मंदिर से बागपत तक का करीब 32 किलोमीटर का सफर, जो पहले एक घंटे से अधिक समय लेता था, अब केवल 25-30 मिनट में तय किया जा सकेगा. ये एक्सप्रेसवे दिल्ली से बागपत और उसके आसपास के क्षेत्रों, जैसे करावल नगर और मुस्तफाबाद से यात्रा करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे यातायात की गति बढ़ेगी और लोगों की आवाजाही में आसानी होगी.
एक्सप्रेसवे की निर्माण प्रक्रिया
ये 212 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे शास्त्री पार्क, खजुरी खास, मंडोला (खेकड़ा), बागपत, शामली, सहारनपुर से होते हुए देहरादून तक पहुंचेगा. ये एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा होगा, जिससे अंतर-राज्यीय कनेक्टिविटी में आसानी होगी. ये एक्सप्रेसवे उत्तराखंड में कनेक्टिविटी के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा, क्योंकि इससे यात्री, पर्यटक और माल ढुलाई सभी को फायदा होगा, जिससे दो प्रमुख शहरों के बीच यात्रा आसान हो जाएगी.
ये प्रोजेक्ट 2021 की शुरुआत में शुरू हुआ था और इसे कई चरणों में विकसित किया जा रहा है. जबकि दिल्ली से सहारनपुर के बीच का हिस्सा लगभग चालू हो चुका है, सहारनपुर से देहरादून तक का हिस्सा निर्माण चरण में है. इस साल के अंत तक, कुल निर्माण का 75 प्रतिशत से ज्यादा कार्य पूरा हो चुका है.
सरकार की क्या है योजना?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, छह-लेन दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. ये एक्सप्रेसवे भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश भर में सड़क संरचना को सुधारना है.