मनीष सिसोदिया ने किया दिल्ली सरकार के शिक्षक-प्रशिक्षक संस्थान का दौरा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के शिक्षक-प्रशिक्षक संस्थान डाइट केशवपुरम का दौरा किया व प्रशिक्षु शिक्षकों के कक्षाओं का निरीक्षण किया। साथ ही उनके टीचिंग.लर्निंग स्टाइल को जाना व उनके साथ लम्बी चर्चा की।
नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के शिक्षक-प्रशिक्षक संस्थान डाइट केशवपुरम का दौरा किया व प्रशिक्षु शिक्षकों के कक्षाओं का निरीक्षण किया। साथ ही उनके टीचिंग.लर्निंग स्टाइल को जाना व उनके साथ लम्बी चर्चा की।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक शिक्षक समाज में 360 डिग्री परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है और देश की बुनियाद तैयार करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक एक मल्टी-प्लायर के रूप में होता है और अपने नॉलेज व मूल्यों के माध्यम से समाज को बेहतर बनाने का काम करता है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे ट्रेनीज यह सपना देखते है कि उन्हें अच्छा शिक्षक बनना है, अच्छी नौकरी पानी है, लेकिन उन्हें अब अपने सपने में एक बड़ा सपना और जोड़ना चाहिए। हर ट्रेनी टीचर को यह सपना देखना चाहिए कि मुझे टीचर बनने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसा काम करना है कि भारत का एजुकेशन सिस्टम विश्व के टॉप एजुकेशन सिस्टम में शुमार हो जाए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि आज हम शिक्षा के क्षेत्र में विश्व के टॉप देशों की लिस्ट देखते है तो उसमें फ़िनलैंड, सिंगापुर, ब्रिटेन आदि का नाम आता है। अब हमें अपने एजुकेशन सिस्टम में ऐसे टीचर्स चाहिए जो इतना शानदार काम करें कि अगले कुछ सालों में जब दुनिया के किसी कोने में बैठा कोई व्यक्ति यह सर्च करें कि शिक्षा के क्षेत्र में विश्व का टॉप देश कौन सा है तो उसे भारत का नाम दिखे।
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने ट्रेनी से शिक्षकों से उनके मोटिवेशन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया पिछले कुछ सालों में हमने एजुकेशन सिस्टम में बहुत से बदलावों का अनुभव किया है। इन बदलावों के कारण हमारे निर्णय लेने की क्षमता और आत्मविश्वास भी बढ़ा है। यही कारण है कि हम शिक्षक बनना चाहते है और शिक्षा के क्षेत्र में आए इस बदलाव में अब एक शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाना चाहते है।
गौरतलब है कि डाइट केशवपुरम दिल्ली में स्थित देश का पहला डाइट है। जहां से हर साल 150 प्रशिक्षु प्रारम्भिक शिक्षा में डिप्लोमा हासिल करके टीचर बनने की योग्यता प्राप्त करते है।