बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की 'पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा, कन्हैया कुमार सहित कई कार्यकर्ता हिरासत में
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो चली है. इसके मद्देनजर कांग्रेस ने राज्य में युवाओं के मुद्दों को लेकर 'पलायन रोको, नौकरी दो' नाम से पदयात्रा शुरू की है.

बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं. सभी प्रमुख दल अपनी रणनीतियां बनाने में जुटे हैं. इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी ने राज्य में युवाओं के मुद्दों को लेकर 'पलायन रोको, नौकरी दो' नाम से एक पदयात्रा की शुरुआत की है. इस यात्रा का नेतृत्व NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार कर रहे हैं.
कन्हैया कुमार समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ता हिरासत में
शुक्रवार को यह पदयात्रा पटना में मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने लगी, जिस पर पुलिस ने रोक लगाने की कोशिश की. इसी दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई. स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसके बाद पुलिस ने कन्हैया कुमार समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए सभी लोगों को पटना के कोतवाली थाना ले जाया गया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने से रोका जा रहा है. वहीं पुलिस का कहना है कि बिना अनुमति मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करना कानून-व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता था.
#WATCH पटना, बिहार: NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पटना पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद कोतवाली थाना लाया गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 11, 2025
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की 'पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने से रोकने पर पुलिस के साथ… pic.twitter.com/gTkCfRy6kf
बिहार के युवाओं को क्या चाहिए?
कन्हैया कुमार ने हिरासत में लिए जाने से पहले कहा कि बिहार के युवाओं को काम चाहिए, पलायन नहीं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस की यह पदयात्रा बिहार में बेरोजगारी, शिक्षा व्यवस्था और युवाओं के पलायन जैसे मुद्दों को लेकर जनता के बीच संवाद स्थापित करने की कोशिश है.
गौरतलब है कि बिहार से हर साल लाखों युवा रोज़गार की तलाश में अन्य राज्यों का रुख करते हैं. ऐसे में यह पदयात्रा चुनावी माहौल में युवाओं के बीच कांग्रेस की पकड़ मजबूत करने का प्रयास मानी जा रही है.