दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी जूडीयू को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी पार्टी के देशभर में विस्तार करने की उम्मीदों पर बड़ा झटका लगा है। बता दें कि जेडीयू ने एमसीडी चुनाव में सिर्फ उन वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे जहां पर बिहार के लोगों की अधिक है।
दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों में से जेडीयू ने केवल 23 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से एक भी वार्ड पर जेडीयू के उम्मीदवार जीत नहीं मिली है और न ही कुछ खास वोट मिले है। बता दें कि एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 15 साल से एमसीडी पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को हराया है। हालांकि दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है।
जानकारी के मुताबिक, एमसीडी चुनाव की घोषणा के बाद नीतीश कुमार की पार्टी ने दिल्ली के सभी 250 वार्डों में चुनाव लड़ने की बात कही थी। हालांकि, बाद में जेडीयू ने केवल 23 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे थे। जिन वार्डों में जेडीयू ने अपने प्रत्यार्शी उतारे उन वार्डों में बिहारियों की संख्या अधिक है। इसके बावजूद भी जेडीयू का एक भी प्रत्याशी नहीं जीत पाया है।
पिछले कुछ समय से नीतीश कुमार की नजर देश की राजनीति पर है। नीतीश कुमार आने वाले लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे है। इसके साथ ही नीतीश अपनी पार्टी जेडीयू का विस्तार करने में भी लगे हुए है। एमसीडी चुनाव में मिली हार के बाद जेडीयू और नीतीश कुमार की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
हालांकि एमसीडी चुनाव में जेडीयू के किसी बड़े नेता ने प्रचार नहीं किया था। एमसीडी में हारने के बाद फिलहाल जेडीयू के किसी बड़े नेता का कोई बयान सामने नहीं आया है। First Updated : Wednesday, 07 December 2022