नोएडा में तिहाड़ जेल के वार्डन द्वारा चलाए जा रहे मेथ लैब का भंडाफोड़, 95 किलोग्राम ड्रग्स बरामद

नोएडा के गौतम बुद्ध नगर में 25 अक्टूबर को एक मेथ लैब का भंडाफोड़ किया गया है. तिहाड़ जेल के एक वार्डन, एक व्यापारी और मुंबई के एक केमिस्ट द्वारा संचालित की जा रही थी. पुलिस ने इस कार्रवाई में 95 किलोग्राम मेथामफेटामिन ड्रग्स जब्त किया है. यह ड्रग्स बाजार में बड़ी मात्रा में बिक्री के लिए तैयार किया जा रहा था.

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गौतम बुद्ध नगर में 25 अक्टूबर को एक मेथ लैब का भंडाफोड़ किया गया, जो तिहाड़ जेल के वार्डन, एक दिल्ली के व्यापारी और मुंबई के एक केमिस्ट द्वारा संचालित की जा रही थी. एनसीबी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुप्त सूचना के आधार पर यह छापा मारा. सूचना मिली थी कि इस लैब में सिंथेटिक ड्रग्स का निर्माण किया जा रहा था, जिसका उपयोग घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात के लिए भी किया जा रहा था.

पुलिस के अनुसार, यह मेथ लैब एक बड़े ड्रग रैकेट का हिस्सा है, जो जेल के अंदर से संचालित हो रहा था. वार्डन की संलिप्तता से यह स्पष्ट होता है कि तिहाड़ जेल में भी ड्रग्स का कारोबार हो रहा है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. इस घटना ने दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स की समस्या को एक बार फिर से उजागर किया है.

तिहाड़ जेल के वार्डन द्वारा चलाए जा रहे मेथ लैब 

छापेमारी के दौरान लगभग 95 किलोग्राम मेथामफेटामाइन, जो ठोस और तरल रूप में पाया गया, के अलावा कई प्री-कर्सर रसायन और उन्नत निर्माण मशीनरी भी बरामद की गई. इस ऑपरेशन में यह भी पता चला कि मेक्सिकन ड्रग कार्टेल के सदस्य भी इस ड्रग निर्माण में शामिल थे. यह कार्रवाई ड्रग्स के बढ़ते कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पुलिस और एनसीबी अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

कारोबार में ये लोग शामिल

गिरफ्तार किए गए लोगों में एक दिल्ली का व्यापारी भी शामिल है जिसे घटनास्थल पर मौजूद था. सबसे पहले राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने मादक पदार्थ मामले में उन्हें हिरासत में लिया था. उसने तिहाड़ जेल के वार्डन से संबंध स्थापित किए थे, जिसने कथित तौर पर उसे नशीली दवाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक रसायन और उपकरण खरीदने में मदद की थी. अन्य आरोपियों ने विनिर्माण प्रक्रिया की देखरेख के लिए मुम्बई के एक रसायनज्ञ को भी बुलाया था, जबकि गुणवत्ता जांच दिल्ली में रहने वाले एक कार्टेल सदस्य द्वारा की गई थी. First Updated : Tuesday, 29 October 2024