Milkipur by-election: योगी और अखिलेश के बीच सियासी टक्कर, क्या बीजेपी ले पाएगी अयोध्या का बदला?
Milkipur by-election: उत्तर प्रदेश में मिल्कीपुर फैजाबाद लोकसभा की एक सीट है. यह सीट अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद रिक्त हुई है. अयोध्या के करीब होने की वजह से यह सीट अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या अयोध्या में लोकसभा की हार का बदला बीजेपी मिल्कीपुर में ले पाएगी?
Milkipur by-election: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है. यहां 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी. समाजवादी पार्टी (सपा) ने पहले ही अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया था. सपा ने यहां से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई नेता टिकट की चाहत में दिल्ली और लखनऊ के बीच दौड़ रहे हैं. मिल्कीपुर सीट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है.
सीएम योगी का पूरा ध्यान मिल्कीपुर पर
मिल्कीपुर सीट की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली है. वह अब तक इस क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक बार जा चुके हैं. हाल ही में, सीएम योगी ने छह मंत्रियों की टीम भी मिल्कीपुर में भेजी है, जिनमें सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, जेपीएस राठौर, दयाशंकर दयालु, मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा शामिल हैं. इन मंत्रियों को सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि वे बूथवार टोली बनाकर चुनाव प्रचार करें और लोगों से सीधा संपर्क करें.
BJP ने बड़े नेताओं को ड्यूटी पर भेजा
बीजेपी संगठन के कई बड़े नेताओं को भी मिल्कीपुर में ड्यूटी पर भेजा गया है. यूपी सरकार ने पिछले कुछ महीनों में रोजगार मेला और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए थे, ताकि वोटरों के बीच अपनी पैठ बनाई जा सके. बीजेपी का उद्देश्य है कि वह अयोध्या लोकसभा सीट की हार का बदला मिल्कीपुर में लेकर यह सीट जीतें.
अखिलेश यादव का चुनाव प्रचार पर ध्यान
सपा ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. पार्टी ने मिल्कीपुर सीट के लिए अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को प्रभारी बनाया है. सपा का जोर संविधान और अपने सांसद के स्वाभिमान को मुद्दा बनाकर प्रचार करने पर रहेगा. सपा सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव खुद इस सीट पर प्रचार की कमान संभाल सकते हैं. साथ ही, शिवपाल यादव, इंद्रजीत सरोज, माता प्रसाद पांडेय जैसे बड़े नेताओं की ड्यूटी भी लगाई जाएगी.
मिल्कीपुर का सियासी समीकरण
मिल्कीपुर का सियासी समीकरण सपा के लिए काफी मजबूत नजर आता है. यहां यादव, पासी, मुस्लिम, ब्राह्मण, ठाकुर, दलित, मौर्य और अन्य जातियों के वोट हैं. सपा का मानना है कि उसका PDA (यादव-पासी-मुस्लिम-दलित-अन्य पिछड़ा) का समीकरण काम करेगा और उसे वोट मिलेंगे.
सपा की मजबूत स्थिति
यह सीट 1967 से अस्तित्व में है, लेकिन 1996 के बाद हुए 8 चुनावों में से सपा 6 बार जीत चुकी है. 2008 में यह सीट आरक्षित हो गई थी, फिर 2012 में सपा के अवधेश प्रसाद ने चुनाव जीता था. हालांकि, 2017 में बीजेपी के बाबा गोरखनाथ से हार गए थे, लेकिन 2022 में सपा के अवधेश प्रसाद फिर से जीते थे. 2024 में अवधेश प्रसाद अयोध्या के सांसद बन गए, जिसके कारण यह सीट खाली हो गई और अब उपचुनाव हो रहा है.