मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए एमपी सरकार की नई योजना
मध्य प्रदेश सरकार ने मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए नई योजना शुरू की है. इसका उद्देश्य जनजागरूकता बढ़ाना और त्वरित सूचना साझा करना है. रेडियो शो के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा, जबकि वॉट्सएप अलर्ट्स के माध्यम से संघर्ष की स्थिति में तुरंत जानकारी दी जाएगी. साथ ही, एक समर्पित नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो संघर्ष प्रबंधन में मदद करेगा. यह योजना मानव और वन्यजीवों के सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.
मध्य प्रदेश वन विभाग राज्य में मानव और हाथियों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी उपाय अपना रहा है. इनमें रेडियो बुलेटिन, व्हाट्सएप ग्रुप और जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं.वन विभाग ने ऑल इंडिया रेडियो पर ‘हाथी समाचार’नामक विशेष प्रसारण शुरू किया है, जो स्थानीय निवासियों को हाथियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देता है. साथ ही, व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए ग्रामीणों को अलर्ट भेजे जा रहे हैं.
हाथी नियंत्रण केंद्र की स्थापना
हाथियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए बांधवगढ़ में एक नियंत्रण केंद्र स्थापित किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के गज संकेत ऐप का उपयोग भी शुरू किया जाएगा ताकि सीमावर्ती इलाकों में समन्वय सुनिश्चित हो सके. बांधवगढ़ में दो हाथियों को रेडियो कॉलर लगाकर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. इस डेटा से ग्रामीणों को सचेत किया जाता है और उन्हें हाथियों के करीब जाने से रोका जाता है.
मानव-हाथी संघर्ष के कारण
वन विभाग के अनुसार, अधिकतर संघर्ष तब होता है जब लोग हाथियों के रास्ते में आ जाते हैं या अपनी फसलें बचाने की कोशिश करते हैं. वन विभाग जल्द ही हाथी नियंत्रण केंद्र भोपाल में भी खोलेगा. प्रभावित जिलों में आदिवासियों को पक्के मकान आवंटित करने की सिफारिश भी की गई है.
सतर्कता के प्रयास
शहडोल जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग के अनुसार, अन्य राज्यों जैसे कर्नाटक से सीख लेकर मध्य प्रदेश को भी हाथियों के साथ सह-अस्तित्व का रास्ता अपनाना होगा.