सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से आज पुलिस करेगी सख्त पूछताछ, 24 नवंबर की हिंसा के आरोप में हो सकती है मुश्किलें!
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क आज पुलिस के सामने पेश होंगे जहां उनसे 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में हुई हिंसा के बारे में पूछताछ की जाएगी. पुलिस ने बर्क से यह जानने की कोशिश की है कि वह उस दिन शहर से बाहर क्यों थे और क्या जफर अली से उनकी फोन पर बात हुई थी? इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे. क्या बर्क इस मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं? पूरी जानकारी के लिए जानिए क्या कह रहे हैं आरोप और जांच के साक्ष्य.

Sambhal Riots: सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से आज (8 अप्रैल) पुलिस पूछताछ करेगी. ये पूछताछ 24 नवंबर, 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में हुई हिंसा के मामले में की जा रही है. दरअसल हिंसा के आरोप में बर्क का नाम सामने आया है और अब पुलिस उनसे कुछ अहम सवाल पूछने वाली है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि 24 नवंबर को वह शहर से बाहर क्यों थे और क्या हिंसा से पहले और बाद में जामा मस्जिद के सदर जफर अली से उनकी फोन पर बातचीत हुई थी? इसके अलावा सांसद से यह भी पूछा जाएगा कि उन्होंने पीआरओ के नंबर पर क्यों कॉल की थी?
क्या है मामला?
24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे. पुलिस की जांच में यह सामने आया कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क का इस हिंसा में अहम हाथ हो सकता है. सांसद के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और उनकी गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट से स्टे आदेश मिला हुआ है.
सांसद का दिल्ली में ठिकाना और सवालों के घेरे में जफर अली
पुलिस ने जियाउर्रहमान बर्क को जांच में सहयोग करने के लिए दिल्ली स्थित उनके आवास पर नोटिस भेजा था, जिसमें आठ अप्रैल को पुलिस से पूछताछ करने को कहा गया था. जांच में यह भी सामने आया है कि सांसद ने हिंसा से पहले और बाद में जामा मस्जिद के सदर जफर अली से फोन पर बातचीत की थी. जफर अली को 23 मार्च को गिरफ्तार भी किया गया था.
क्या थे सांसद के ठिकाने?
जांच में यह भी पता चला है कि 24 नवंबर को सांसद बर्क शहर से बाहर थे और बेंगलुरू में थे. पुलिस उनसे यह जानने की कोशिश करेगी कि वह बेंगलुरू में क्यों थे? क्या उनका वहां कोई सरकारी या गैर सरकारी कार्यक्रम था? इस सवाल का जवाब पुलिस को सांसद से मिल सकता है.
कई साक्ष्य भी सामने आए
पुलिस को सांसद के खिलाफ कई और साक्ष्य भी मिले हैं, जो उनकी भूमिका को और स्पष्ट कर सकते हैं. इस मामले में बर्क के खिलाफ और अन्य आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज की हैं. हालांकि, एक मुकदमे में अभी तक चार्जशीट नहीं लगी है. इसमें सांसद के साथ-साथ विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल का भी नाम है.
हिंसा का मास्टर माइंड और राजनीतिक संरक्षण की बात
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि हिंसा के मास्टर माइंड, दुबई में छिपे अंतरराष्ट्रीय ऑटो लिफ्टर शारिक साठा के गुर्गे मुल्ला अफरोज और गुलाम ने हिंसा के लिए राजनीतिक संरक्षण की बात की थी. गुलाम ने बर्क परिवार के साथ अपनी नजदीकियों का भी खुलासा किया है, जो जांच के लिए एक अहम मोड़ हो सकता है.


