मुंबई में आत्महत्या का शॉकिंग मामला, 27 साल के युवक की कार्बन मोनोऑक्साइड से मौत, सुसाइड नोट में लिखी दर्दनाक कहानी

Mumbai suicide case: मुंबई के वसई इलाके में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है. 27 वर्षीय इस शख्स ने कथित रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का सेवन कर आत्महत्या कर ली. पुलिस को मौके से एक विस्तृत सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने अपनी लाइलाज बीमारी और मानसिक पीड़ा का जिक्र किया है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Mumbai suicide case: मुंबई के वसई इलाके में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक 27 वर्षीय युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. प्रारंभिक जांच में पता चला कि युवक ने कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का सेवन कर अपनी जान दे दी. घटना मंगलवार को तब सामने आई जब मुंबई पुलिस को बेंगलुरु निवासी एक महिला का ईमेल मिला, जिसमें उसने अपने भाई से संपर्क न होने की सूचना दी थी. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने मोबाइल लोकेशन ट्रैक कर वसई के कामन इलाके में स्थित एक पुराने बंगले में उसकी तलाश शुरू की.

जब पुलिस वहां पहुंची तो बंगले के प्रवेश द्वार पर एक नोट चिपका हुआ मिला. नोट में लिखा था कि, "अंदर कार्बन मोनोऑक्साइड है, कृपया लाइट न जलाएं." इसके अलावा, घर से तेज दुर्गंध आ रही थी, जिससे अधिकारियों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को बुलाया. जब फायर ब्रिगेड के कर्मी सुरक्षा उपकरण पहनकर अंदर पहुंचे, तो उन्होंने युवक को मृत अवस्था में पाया.

सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए युवक ने खुद की योजना

पुलिस जांच में पता चला कि मृतक ने आत्महत्या करने से पहले पूरी योजना बनाई थी, ताकि किसी और को नुकसान न पहुंचे. उसने बंगले की सभी खिड़कियां लकड़ी के तख्तों से सील करवा दी थीं, जिसके लिए उसने घटना से दो दिन पहले एक बढ़ई को काम पर रखा था. घर के अंदर से कुल पांच गैस सिलेंडर बरामद किए गए, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि उसने यह घातक गैस कहां से और कैसे खरीदी.

फायर ब्रिगेड ने PPE किट पहनकर की जांच

जब फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची, तो उन्होंने PPE किट और ऑक्सीजन मास्क पहनकर घर में प्रवेश किया. अंदर युवक एक विशेष इनहेलेशन मास्क पहने मिला, जो सीधे कार्बन मोनोऑक्साइड सिलेंडर से जुड़ा था. उसके हाथों में कई गैस सिलेंडर बंधे हुए थे, और सिर पर हेलमेट भी लगा हुआ था. इसके अलावा, उसने गैस को सीधे फेफड़ों में पहुंचाने के लिए एक नेबुलाइज़र ट्यूब का इस्तेमाल किया था, जिससे यह तय हो सके कि गैस का प्रभाव घातक हो.

सुसाइड नोट में बयां किया दर्द

युवक ने दीवार पर एक विस्तृत सुसाइड नोट चिपकाया था, जिसमें उसने अपनी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में लिखा था. उसने बताया कि वह "स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी और न्यूरोपैथी" नामक बीमारी से जूझ रहा था, जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है. पिछले डेढ़ सालों में उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी और उसने कई डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली.

बिमारी के चलते की आत्महत्या

"ये बीमारियां मुझे पूरी तरह से तोड़ चुकी हैं… मैं अपनी नौकरी खोने की कगार पर हूं. इस स्थिति में मैं एक सामान्य जीवन नहीं जी सकता." अपने परिवार और करीबियों के लिए उसने लिखा, "पिछले डेढ़ सालों में मेरा परिवार और मेरे आसपास के सभी लोग मेरे लिए पूरी तरह से सहायक रहे. किसी को इस कदम की उम्मीद नहीं थी, लेकिन मेरी तकलीफ इतनी बढ़ गई थी कि अब कोई और रास्ता नहीं बचा था."

किसी और को नहीं ठहराया जिम्मेदार

युवक ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराया जाए. उसने लिखा, "इस फैसले के लिए कोई भी व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है. सभी ने मेरा बहुत सहयोग किया. कृपया किसी को दोष न दें. धन्यवाद, सभी को."

पुलिस की जांच जारी

पुलिस ने बढ़ई का बयान दर्ज कर लिया है, जिसने युवक के कहने पर बंगले की खिड़कियां सील की थीं. इसके अलावा, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि युवक ने जहरीली गैस कहां से खरीदी थी और उसने इसे कैसे हासिल किया. फिलहाल, नायगांव पुलिस ने इसे आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है.

calender
21 March 2025, 03:38 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो