मुस्लिम मतदाता नाराज, JDU में विद्रोह… क्या डगमगाएगी नीतीश की सत्ता की नैया ? समझिए

वक्फ संशोधन विधेयक पर समर्थन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में भूचाल ला दिया है. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई है. अब तक पांच बड़े मुस्लिम नेता जेडीयू से किनारा कर चुके हैं, वहीं औरंगाबाद में 20 से ज्यादा मुस्लिम पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा देकर विरोध जताया है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

वक्फ संशोधन विधेयक पर समर्थन देना नीतीश कुमार को भारी पड़ता दिख रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू में अंदरूनी बगावत तेज हो गई है. पार्टी के कई मुस्लिम नेता पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और अब औरंगाबाद में 20 से ज्यादा मुस्लिम पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष छवि पर भी सवाल उठने लगे हैं.

जेडीयू ने संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया था, जिसके बाद पार्टी में नाराजगी खुलकर सामने आ गई है. इस्तीफा देने वालों में कई बड़े और प्रभावशाली मुस्लिम नेता शामिल हैं, जिन्होंने नीतीश कुमार पर मुसलमानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है.

पांच प्रमुख नेताओं ने सबसे पहले छोड़ा साथ  

अब तक जेडीयू के जिन बड़े नेताओं ने पार्टी से नाता तोड़ा है, उनमें नदीम अख्तर, राजू नैय्यर, तबरेज सिद्दीकी अलीग, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी शामिल हैं. इन सभी नेताओं का मानना है कि पार्टी ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन कर मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. राजू नैय्यर बोले "यह मुसलमानों पर अत्याचार करने वाला काला कानून है"  

राजू नैय्यर ने अपने त्यागपत्र में लिखा, मैं जेडी(यू) द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने से बहुत आहत हूं. यह मुसलमानों पर अत्याचार करने वाला काला कानून है. वक्फ संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने और समर्थन मिलने के बाद मैं जेडी(यू) से इस्तीफा देता हूं."

नीतीश पर सेक्युलर छवि छोड़ने का आरोप  

तबरेज हसन ने पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार को भेजे गए पत्र में कहा, "वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन ने मुसलमानों का पार्टी से विश्वास तोड़ दिया है. मुझे उम्मीद थी कि आप अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बरकरार रखेंगे, लेकिन आपने उन ताकतों का साथ दिया जो लगातार मुसलमानों के खिलाफ काम करती रही हैं."

औरंगाबाद में सामूहिक विद्रोह

शनिवार को औरंगाबाद जिले में जेडीयू के श्रम और तकनीकी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अफरीदी रहमान ने अपने 20 से ज्यादा समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने घर पर लगी पार्टी की नेम प्लेट को तोड़कर विरोध जताया और जमकर नारेबाजी की. "नीतीश कुमार मुर्दाबाद", "वक्फ में संशोधन बंद करो", "नीतीश कुमार हाय-हाय". इस सामूहिक विद्रोह ने जेडीयू की अंदरूनी स्थिति को उजागर कर दिया है.

AIMPLB ने भी किया था विधेयक का विरोध  

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने पहले ही सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से इस विधेयक को अस्वीकार करने की अपील की थी. बावजूद इसके, जेडीयू ने समर्थन कर मुस्लिम समुदाय के भरोसे को तोड़ा है. यही वजह है कि अब पार्टी को अपने गढ़ में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

अब कानून बनने से एक कदम दूर वक्फ बिल  

लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पारित हुआ, और गुरुवार को राज्यसभा से भी यह पास हो गया. अब सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी बाकी है. राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने बताया कि विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े. मोदी सरकार ने इस विधेयक का जमकर बचाव किया, वहीं विपक्ष ने इसे "असंवैधानिक" और "धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खतरा" बताया.

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05 April 2025, 10:55 AM IST

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