सर्प दोष मिटाने के अंधविश्वास में मां ने दी बेटी की बलि, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
तेलंगाना के सूर्यापेट जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 32 वर्षीय महिला ने अंधविश्वास के चलते अपनी 7 महीने की मासूम बेटी की बलि दे दी. महिला भारती उर्फ लास्या ने यह क्रूर कृत्य 2021 में अपने घर में एक विशेष पूजा के दौरान सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए किया था. उसने बच्ची का गला और जीभ चाकू से काट दी.

तेलंगाना के सूर्यापेट जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां ने अंधविश्वास के चलते अपनी सात महीने की मासूम बच्ची की गला रेतकर बलि दे दी. आरोपी महिला ने यह जघन्य अपराध "सर्प दोष" से मुक्ति पाने के लिए किया. शुक्रवार को स्थानीय अदालत ने इस केस को 'दुर्लभ से दुर्लभतम' मानते हुए महिला को फांसी की सजा सुनाई है.
32 वर्षीय आरोपी भारती उर्फ लास्या पहले ही हत्या की कोशिश के मामले में जेल में बंद थी. इस पुराने अपराध ने इस मामले में भी कोर्ट के फैसले को प्रभावित किया और उसे मौत की सजा दी गई.
घर में ही की बेटी की बलि
यह घटना 15 अप्रैल 2021 की है, जब सूर्यापेट जिले के मोटे मंडल के मेकलापाटी थांडा इलाके में भारती ने अपने घर के कमरे में विशेष पूजा के नाम पर बेटी की हत्या कर दी. बच्ची के पिता कृष्णा ने पुलिस को दिए बयान में कहा, "पूजा के दौरान मेरी पत्नी ने बेटी का गला रेत दिया और उसकी जीभ भी काट दी. वह देवी को बलि देने और सर्प दोष से छुटकारा पाने की बात कह रही थी."
उस वक्त घर में सिर्फ कृष्णा के बीमार पिता मौजूद थे, जो बिस्तर पर पड़े थे. बच्ची की चीखें सुनकर उन्होंने शक जताया और देखा कि भारती खून से सने कपड़ों में बाहर निकल रही है.
पड़ोसियों की मदद से पहुंची अस्पताल
कृष्णा के पिता ने शोर मचाया, जिसके बाद पड़ोसी और रिश्तेदार घर पहुंचे और बच्ची को अस्पताल लेकर गए. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. मोटे पुलिस ने आरोपी को तुरंत हिरासत में लिया और केस दर्ज किया.
पहले भी पति की हत्या की कोशिश
चार्जशीट फाइल होने के बाद 2021 में भारती को जमानत मिल गई थी. वह फिर से पति कृष्णा के साथ रहने लगी. लेकिन 2023 में उसने एक बार फिर कृष्णा पर जानलेवा हमला किया."जब मैं सो रहा था, भारती ने मेरे सिर पर एक किलो की बाट से हमला किया," कृष्णा ने पुलिस को बताया.इस मामले में भारती को हत्या की कोशिश का दोषी पाया गया और 9 अप्रैल 2025 को एक साल की सजा सुनाई गई.
मानसिक रोग और अंधविश्वास में डूबी थी महिला
कृष्णा ने बताया कि भारती बचपन से ही मानसिक परेशानियों से जूझ रही थी और सर्प दोष को लेकर अत्यधिक अंधविश्वासी हो गई थी. एक ज्योतिषी ने उसे बताया था कि वह सर्प दोष से पीड़ित है, जिसके बाद उसने इससे छुटकारा पाने के लिए कई अनुष्ठानों और यूट्यूब वीडियो को देखना शुरू कर दिया.कृष्णा के मुताबिक,
"हमने खम्मम के एक मानसिक रोग विशेषज्ञ से भी इलाज कराया था, लेकिन भारती ने कभी दवाइयां नहीं लीं."
कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
कोडाड डीएसपी श्रीधर रेड्डी ने बताया कि अदालत ने इस केस में 10 गवाहों के बयान दर्ज किए, जिनमें बच्ची के मामा और फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी शामिल थे."सभी सबूतों के आधार पर कोर्ट ने इसे दुर्लभतम माना और फांसी की सजा सुनाई," डीएसपी ने बताया. इस वक्त आरोपी भारती हैदराबाद की चंचलगुड़ा महिला सेंट्रल जेल में बंद है.