गुजरात में बाढ़ के बीच रहस्यमयी बुखार का कहर! 4 में 12 लोगों की हुई मौत

Gujarat: गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तालुका में भारी बारिश के कारण 12 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 12 वर्ष से कम उम्र के चार बच्चे भी शामिल हैं. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि मौत का कारण प्राथमिक रूप से न्यूमोनाइटिस प्रतीत होता है. कुछ स्थानीय जिला पंचायत सदस्यों ने हालांकि कहा कि डॉक्टर बुखार का सही निदान नहीं कर पाए हैं, जिससे सांस लेने में भी कठिनाई हो रही है.

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Gujarat: गुजरात में भारी बारिश के चलते बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. इस बीच कच्छ के लखपत तालुका के छह गांवों में चार दिनों में 12 लोगों की मौत हो गई है. जिसके बाद राज्य प्रशासन ने इस क्षेत्र में अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवा संसाधन भेजने का फैसला किया है. दरअसल ये मौतें पशुपालकों के एक विशेष समुदाय में हुई हैं, इसलिए पशुपालन विभाग की टीम को भी पशुओं से किसी तरह के संक्रमण की संभावना को खत्म करने के लिए लगाया गया है.

कच्छ कलेक्टर अमित अरोड़ा ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में विशेष स्वास्थ्य दल भेजे गए हैं. इस स्थिति में, यह गैर-संचारी प्रतीत होता है क्योंकि प्रभावित लोगों में मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा जैसे और न्यूमोनाइटिस के लक्षण दिखाई देते हैं. ओपीडी मामलों से निपटने के लिए सीएचसी में अधिक डॉक्टरों को तैनात किया गया है. अरोड़ा ने आगे कहा कि राजकोट से रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के साथ-साथ महामारी विज्ञानियों आदि से युक्त राज्य स्तरीय आरआरटी ​​को भी तैनात किया गया है.

एक पत्र में 12 मौतों का दावा

इस बीच पंढरो सीट से कच्छ जिला पंचायत की सदस्य मीनाबा जडेजा ने एक पत्र में दावा किया कि 3 से 9 सितंबर के बीच बेखड़ा, संधरो, मोरगर और भरवंध गांवों में बुखार के कारण 5-50 आयु वर्ग के 12 लोगों की मौत हो गई. अरोड़ा ने बाद में टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जिला पंचायत सदस्य की सूची में 12 मौतों में से 10 निमोनिया से हुई थीं. हमें राजकोट आरआरटी ​​से इनमें से पांच मौतों की पुष्टि मिली है, जबकि पांच की रिपोर्ट का इंतजार है.

बुखार से हो रही लोगों की मौत

वहीं, लखपत पंचायत के पूर्व सदस्य हुसैन रायमा ने कहा कि बुखार से पीड़ित लोगों को पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर दयापार सीएचसी और अंत में भुज जनरल अस्पताल ले जाया गया. एक मरीज को अहमदाबाद ले जाया गया. बुखार से ठीक हुए बिना ही उनकी मौत हो गई.

डॉक्टर बीमारी का नहीं कर पाए सही निदान

इलाके के निवासियों ने कहा कि मरीजों को बुखार, सर्दी, खांसी, निमोनिया था और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. एक अन्य जिला पंचायत सदस्य ममद जंग जाट ने कहा कि डॉक्टर बीमारी का सही निदान नहीं कर पाए हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने एक इंटरव्यू में कहा कि पिछले चार दिनों में बारह मौतें हुई हैं और स्वास्थ्य विभाग ने राजकोट पीडीयू मेडिकल कॉलेज और भुज में गुजरात अदानी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की एक टीम को मौके पर भेजा है.

First Updated : Monday, 09 September 2024