ज्ञानवापी वजूखाने का रहस्य, हाईकोर्ट की सुनवाई में क्या निकलेगा सच

Gyanvapi: ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का ASI सर्वे कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट 1 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वजूखाना सील किया गया है. याचिकाकर्ता राखी सिंह ने सर्वे की मांग की है, जिससे विवाद और बढ़ सकता है.

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Mystery of Gyanvapi: ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने का ASI सर्वे कराने की मांग पर इलाहाबाद हाईकोर्ट मंगलवार, 1 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उभरा है, जब वजूखाने का क्षेत्र सील कर दिया गया था. श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह ने इस सर्वेक्षण के लिए याचिका दायर की है, जिससे इस मुद्दे में एक नया मोड़ आ सकता है.

वजूखाने का क्या है विवाद?

दरअसल ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि वजूखाना एक शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बताता है. इस विवाद ने दोनों समुदायों के बीच तनाव को काफी बढ़ा दिया है और अब इस पर कानूनी दांवपेंच भी शुरू हो चुके हैं.

याचिका का उद्देश्य

राखी सिंह की ओर से दाखिल की गई याचिका में वजूखाने के ASI सर्वेक्षण की मांग की गई है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वहां क्या है. याचिका में यह भी उल्लेख है कि वजूखाने का सर्वे ज्ञानवापी परिसर के अन्य हिस्सों की तरह होना चाहिए. इससे पहले उनके वकील सौरभ तिवारी ने बताया कि वाराणसी की कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई थी लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. अब इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

उच्चतम न्यायालय का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने के क्षेत्र को संरक्षित करने का आदेश दिया था लेकिन इसे सील करने का कोई निर्देश नहीं दिया था. इसके बावजूद, दो साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद से वजूखाना सील कर दिया गया है. इस मामले में कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं.

सुनवाई की प्रक्रिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच कर रही है. याचिका के दौरान वकील सौरभ तिवारी ने अपने तर्क प्रस्तुत किए. यदि कोर्ट ने ASI सर्वेक्षण की अनुमति दे दी, तो यह दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

ज्ञानवापी परिसर का वजूखाना एक ऐसा मुद्दा है जो धार्मिक और कानूनी दोनों ही पहलुओं से जुड़ा हुआ है. अब हाईकोर्ट की सुनवाई का इंतजार है जो इस विवाद को नई दिशा दे सकती है. क्या वजूखाने का सर्वे सच को उजागर करेगा या विवाद को और बढ़ाएगा? यह सवाल अब सभी की जुबान पर है.

ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का यह मामला भारतीय न्यायपालिका और समाज में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. सभी की निगाहें इस सुनवाई पर टिकी हैं जिससे भविष्य में इस मुद्दे का क्या समाधान होगा यह तय होगा.  First Updated : Monday, 30 September 2024