नागपुर हिंसा: अफवाह, साजिश या कुछ और.... बांग्लादेश का कनेक्शन आया सामने, सच जानकर चौंक जाएंगे आप!
नागपुर में 17 मार्च की हिंसा के बाद बांग्लादेश से भड़काऊ पोस्ट किए गए जिससे माहौल और बिगड़ा. पुलिस ने मुख्य आरोपी फहीम खान को गिरफ्तार किया और 230 सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर रही है. अब सवाल ये है – क्या इसके पीछे कोई बड़ा मास्टरमाइंड छुपा है?

Nagpur Riots: नागपुर में 17 मार्च को जो हुआ वो सिर्फ एक हिंसा नहीं थी बल्कि एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा लग रही है. जब पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि इस हिंसा को और ज्यादा भड़काने के लिए बांग्लादेश से सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई गईं. मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था बल्कि नागपुर पुलिस ने इस हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान पर देशद्रोह का केस भी दर्ज कर दिया है.
कैसे भड़की नागपुर की हिंसा?
हिंसा की शुरुआत छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए प्रदर्शन से हुई. 17 मार्च को विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन किया जिसके करीब 5 घंटे बाद हिंसा भड़क गई. बताया जा रहा है कि भीड़ को पहले से ही योजना बनाकर इकट्ठा किया गया और पुलिस पर हमला करने की कोशिश की गई. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बनी सोशल मीडिया पर फैलाई गई झूठी अफवाहें.
क्या थी वो अफवाह?
दरअसल सोशल मीडिया पर एक खबर उड़ाई गई कि प्रदर्शन के दौरान पवित्र शिलालेखों वाली चादर जला दी गई है. इस अफवाह ने आग में घी डालने का काम किया और नागपुर में हिंसा भड़क उठी.
बांग्लादेशी कनेक्शन – सोशल मीडिया पर भड़काई आग!
नागपुर हिंसा सिर्फ लोकल स्तर पर ही नहीं भड़की बल्कि इसके पीछे विदेशी ताकतों का भी हाथ नजर आ रहा है. महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल ने जांच में पाया कि बांग्लादेश से सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डाले गए और वहां के कुछ यूजर्स ने और बड़े दंगे कराने की धमकी दी.
पुलिस ने फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब से अनुरोध किया है कि ऐसे 230 भड़काऊ प्रोफाइल्स की जानकारी दी जाए और इन्हें जल्द से जल्द ब्लॉक किया जाए.
अब तक 97 फर्जी और भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट की पहचान की जा चुकी है, जिनके जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई. खासकर हिंसा के बाद दो लोगों की झूठी मौत की खबर वायरल की गई, जिससे और ज्यादा तनाव फैला.
मुख्य आरोपी पर देशद्रोह का केस, 50 से ज्यादा गिरफ्तार
इस हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान की पहचान हो चुकी है, जिस पर अब देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है. उसने सोशल मीडिया पर हिंसा भड़काने वाले वीडियो एडिट करके फैलाए थे. इसके अलावा अब तक 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जांच अभी जारी है.
डीसीपी साइबर क्राइम लोहित मतानी ने बताया कि पुलिस जैसे ही सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी हासिल करेगी, बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
अब क्या हो रहा है? प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
• पुलिस ने औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी है.
• प्रशासन ने कब्र के चारों तरफ टिन की चादरें लगवाई हैं और एक गोलाकार बाड़ भी बनाने की तैयारी है.
• राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है – पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हिंसा की निंदा की है.
• बरेलवी संप्रदाय के मौलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर फिल्म 'छावा' पर बैन लगाने की मांग की है क्योंकि उनका मानना है कि यह सांप्रदायिक तनाव भड़का रही है.
अब सवाल उठता है – असली गुनहगार कौन?
नागपुर हिंसा के पीछे की असली साजिश क्या थी? क्या यह सिर्फ अफवाहों की वजह से हुआ दंगा था या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी? पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही इस पर और खुलासे हो सकते हैं. लेकिन एक बात तो साफ है – सोशल मीडिया पर अफवाहों का खेल बहुत खतरनाक साबित हो सकता है!