लखनऊ। यूपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम लगभग तय हो गए हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह को भाजपा उत्तरप्रदेश की कमान सौपा गया है. चौधरी भूपेंद्र सिंह पश्चिमी उत्तरप्रदेश के कद्दावर नेता माने जाते हैं. भाजपा सिंह के जरिये नाराज जाट समाज को साधने का प्रयास कर रही है.
ज्ञात हो कि आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी लगभग शरू हो चुकी है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को पश्चिमी उत्तरप्रदेश से अपेक्षा के अनुसार सीटें प्राप्त नहीं हुई थी. 2019 के चुनाव में बसपा-सपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और मुरादाबाद मंडल की सभी छह लोकसभा सीटें पाने में कामयाब रही थी. 2022 के उत्तरप्रदेश चुनाव में रालोद-सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा और काफी हद तक पश्चिमी उत्तरप्रदेश के वोटर को आकर्षित करने में सफल रहे थे. और उम्मीद किया जा रहा है कि 2024 के चुनाव में भी रालोद-सपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है. ऐसे में चौधरी भूपेंद्र सिंह का चेहरा आगे लाकर भाजपा जाट समुदाय के साथ-साथ पश्चिमी उत्तरप्रदेश को साधने की कोशिश कर रही है.
इससे पहले केंद्र सरकार के द्वारा लाये गए नए किसान कानून को लेकर किसान समुदाय( खासकर पश्चिमी उत्तरप्रदेश ) ने नाराजगी जाहिर की और बड़े स्तर पर इसका लम्बा विरोध प्रर्दशन किया. आखिरकार यूपी विधान सभा चुनाव से पहले केंद्र की ओर से कानून को वापस लेकर किसानों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया.
हालांकि काफी हद तक भाजपा इसमे कामयाब भी रही. और अब अगला चुनाव उससे भी काफी महत्वपूर्ण है जिसको लेकर भाजपा की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है. और यूपी के अध्यक्ष चुनाव की प्रकिया उसने से सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही थी. First Updated : Thursday, 25 August 2022