नाशिक में फिर भड़का तनाव, कथे गली में दरगाह तोड़ने को लेकर पथराव, 4-5 पुलिसकर्मी घायल
नाशिक के कथे गली इलाके में मंगलवार देर रात उस समय तनाव भड़क गया जब एक अवैध दरगाह के ढांचे को गिराने से पहले भारी भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया. बिजली आपूर्ति में अचानक आई बाधा और अफवाहों के चलते 400 से अधिक लोगों की भीड़ जुट गई. पथराव में 4–5 पुलिसकर्मी घायल हुए और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.

नाशिक के कथे गली इलाके में मंगलवार देर रात हालात अचानक बेकाबू हो गए जब एक कथित अवैध दरगाह को तोड़ने से पहले हिंसा भड़क उठी. आधी रात को बिजली गुल होते ही इलाके में अफवाहों का दौर शुरू हुआ, और देखते ही देखते भारी भीड़ जमा हो गई. इस दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर जमकर पथराव किया, जिसमें कम से कम चार से पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए.
यह हिंसा उस वक्त हुई जब नासिक महानगरपालिका द्वारा कोर्ट के आदेश के बाद दरगाह को गिराने की कार्रवाई बुधवार तड़के शुरू की जानी थी. घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था, फिर भी भीड़ ने पथराव करते हुए कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया और मौके पर तनाव की स्थिति बन गई.
आधी रात से शुरू हुआ हंगामा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार रात करीब 12 बजे कथे गली इलाके की बिजली सप्लाई अचानक बाधित हो गई. इसी बीच दरगाह को लेकर अफवाहें फैलने लगीं कि प्रशासन जबरन ढांचा गिराने आ रहा है. कुछ ही देर में बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और माहौल बिगड़ गया.
पुलिस पर पथराव, कई वाहन क्षतिग्रस्त
स्थिति को संभालने के लिए पुलिस पहले से तैनात थी, लेकिन भीड़ की संख्या 400 से ज्यादा हो गई. TV9 मराठी की रिपोर्ट के अनुसार, भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद हिंसा शुरू हो गई. पथराव में कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं और पुलिसकर्मी घायल हो गए. सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है. हालात को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया.
500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात
प्रशासन ने पहले से अंदेशा जताते हुए इलाके में 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए थे. दरगाह ट्रस्ट को कोर्ट के आदेश के बाद 1 अप्रैल को अंतिम नोटिस दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि वे 15 अप्रैल तक खुद ही ढांचा हटा लें.
जब ट्रस्ट की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो मंगलवार को नगरपालिका की टीम पुलिस सुरक्षा के साथ मौके पर पहुंची. दरगाह के 100 मीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई. अधिकारियों के मुताबिक, तोड़फोड़ की प्रक्रिया बुधवार दोपहर तक पूरी की जानी है.
पहले भी भड़का था विवाद
यह पहला मौका नहीं है जब कथे गली में इस दरगाह को लेकर विवाद हुआ हो. इससे पहले जब प्रशासन ने ढांचा गिराने की कोशिश की थी, तब भी तनाव बढ़ा था. उस समय धार्मिक नेताओं ने हस्तक्षेप कर प्रशासन से समय मांगा था, जिस पर कुछ समय के लिए कार्रवाई टाल दी गई थी. लेकिन इस बार ट्रस्ट की ओर से कोई सहयोग न मिलने के चलते प्रशासन ने कानूनन कार्रवाई फिर शुरू कर दी.
ट्रैफिक डायवर्जन लागू
घटना के बाद पुलिस ने इलाके की सभी ट्रैफिक रूट्स में बदलाव किया है और लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है. पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश के तहत की जा रही है और पूरी तरह कानूनी दायरे में है. फिलहाल पुलिस CCTV फुटेज खंगाल रही है ताकि पत्थरबाज़ों की पहचान की जा सके. अतिरिक्त पुलिस बल इलाके में तैनात है ताकि हालात दोबारा न बिगड़ें.