महाराष्ट्र के मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक इन दिनों मनी लॉन्डरिंग मामले में जेल में हैं। उनके खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। अदालत ने कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि नवाब मलिक कुर्ला में गोवावाला कंपाउंड हड़पने में सीधे तौर पर शामिल हैं। स्पेशल जस्टिस राहुल एन रोकाडे ने कहा कि आरोपी नवाब मलिक ने D-कंपनी के सदस्य यानी हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर मुनिरा प्लंबर से संबंधित प्रॉपर्टी हड़पने की आपराधिक साजिश रची थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि इसी से जुड़े प्रथम दृष्टया सबूत हैं कि आरोपी सीधे और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग अपराध में शामिल हैं इसलिए वो पीएमएलए की धारा 3 और धारा 4 के तहत आरोपी हैं।
स्पेशल कोर्ट ने कहा कि नवाब मलिक ने हसीना पारकर और अन्य के साथ सांठगांठ की। इसके बाद संपत्ति हड़प ली। यह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत किया गया जुर्म था। अदालत के आदेश में कहा गया है कि अपराध की आमदनी यानी प्रोसिड्स ऑफ क्राइम गैरकानूनी गतिविधियों से ही होता है। उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ आरोप पत्र में ED ने दावा किया है कि मलिक, उनके भाई असलम, दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और 1993 के सीरियल बम धमाकों के दोषी सरदार खान के बीच गोवावाला कंपाउंड को लेकर कुर्ला में कई बार बैठकें हुईं थीं। इसी संबंध में बाद में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। First Updated : Saturday, 21 May 2022