भाजपा में शामिल हुए नवीन जिंदल, जानिए हर भारतीय को तिरंगा फहराने का अधिकार दिलाने के पीछे की कहानी

Nayak: जैसे- जैसे लोकसभा का चुनाव नजदीक आता जा है वैसे - वैसे सभी पार्टियों बगावत का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है साल 2024 के लोकसभा और कुछ राज्यों में  विधानसभा चुनाव के बीच ये उठापटक का सिलसिला जारी है.

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Nayak: जैसे- जैसे लोकसभा का चुनाव नजदीक आता जा है वैसे - वैसे सभी पार्टियों बगावत का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है साल 2024 के लोकसभा और कुछ राज्यों में  विधानसभा चुनाव के बीच ये उठापटक का सिलसिला जारी है. इस बीच 24 मार्च रविवार को कांग्रेस सांसद और देश के बड़े उघोगपति नवील जिंदल आज भाजपा में शामिल हो गए है. इस बीच आइए जानते हैं नवीन जिंदल अपने जीवन में किस -किस मोड़ पर राजनीतिक सु्र्खियों पर रहे हैं पढ़िए.

नवीन की सफलता के पीछे की कहानी

नवीन जिंदल हरियाणा के अनमोल रत्न के नाम से जाने जाते हैं. वहीं अगर नवीन जिंदल के जीवन के बारे में बात करें तो उन्होंने अपने कामयाबी के बल पर प्रदेश व देश दोनों का नाम रोशन किया है. अगर सबसे अमीर सांसदों की बात की जाएं तो नवीन जिंदल का नाम जरूर आता है. वहीं उनके जीवन में उनकी पत्नी शालू जिंदल की बहुत बड़ी भूमिका है. शालू के बारे में लोगों का कहना है कि हर सफल आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता  हरियाणा के प्रसिद्ध बिजनेसमैन और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल का तो आइए जानते हैं विस्तार से.

राजनीति से नाता

साल 2004 में नवीन जिंदल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर उत्तर भारतीय हरियाणा के कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव में खड़े. इस दौरान उन्होंने अपने निकटकम विरोधी अभय सिंह चौटाल को करीब 13000 वोटों से हार दिया था. इसके बाद 2009 में वो एक बार फिर सांसद बने लेकिन वहीं साल 2014 में वो लोकसभा चुनाव कुरुक्षेत्र से हार गए.  2014 में जब वो लोकसभा का चुनाव हार गए थे वो 2019 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था जिसके बाद 25 मार्च 2024 को लोकसभा चुनाव होने से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का हाथ थाम लिया है.

वहीं एक सांसद के रूप में उनका ध्यान भ्रष्टाचार,जनसंख्या वृद्धि, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, स्वाथ्य और शिक्षा की कई समस्याओं पर रहा.  जिंदल ने व्यापक खाद्य और पोषण सुरक्षा योजना के लिए लोकसभा में एक निजी विधेयक पेश किया, जिसने खाद्य सुरक्षा अधिनियम का मार्ग प्रशस्त किया. 

... जब नवीन जिंदल को तिरंगा फहराने से रोक दिया गया

साल 1993 में नवीन जिंदल को  छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित जिंदल स्टील प्लांट के परिसर में तिरंगा फहराने जा रहे थे, लेकिन उन्हें अधिकारी ने रोक दिया. नवीन जिंदल को बताया गया कि भारत के आम नागरिक को अपने देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं है और यह बात उन्हें चुभ गई और उन्होंने प्रण कर लिया कि राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार लेकर रहेंगे.

फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना

सुप्रीम कोर्ट से तिरंगा फहराने का हक मिलने के बाद नवीन जिंदल और शालू जिंदल ने फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की नींव रखी. नॉन प्रॉफिट वाली इस गैर सरकारी संस्था का उद्देश्य लोगों को तिरंगे के बारे में जागरूक करना था. First Updated : Saturday, 30 March 2024