Kolkata Rape Murder Case: हाल ही में कोलकाता में एक जघन्य रेप और मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस घटना के मद्देनजर जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल और प्रदर्शन कर अपनी सुरक्षा की मांग की. सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का निर्णय लिया है.
राज्य सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में पैनिक बटन लगाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा, एक केंद्र स्तर पर हेल्पलाइन नंबर भी स्थापित किया जाएगा ताकि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके. यह कदम सुनिश्चित करेगा कि स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा में कोई कमी न हो.
सुरक्षा उपायों में वृद्धि
मुख्य सचिव मनोज पंत ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र भेजकर अस्पतालों में पर्याप्त पुलिस तैनाती सुनिश्चित करने की बात कही है. विशेष ध्यान महिला पुलिसकर्मियों की संख्या पर दिया गया है. पुलिस को आदेश दिया गया है कि हर अस्पताल में रात के समय एक गश्ती टीम तैनात की जाए. इसके अलावा, हर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा ऑडिट कराया जाएगा जिसके लिए सेवानिवृत्त आईपीएस सुरजीत कर पुरकायस्थ को प्रभारी बनाया गया है. इन उपायों से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा.
डॉक्टरों के लिए बेहतर सुविधाएं
सरकार ने अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए अलग रेस्ट रूम और शौचालय की व्यवस्था करने का भी निर्णय लिया है. इसके साथ ही अस्पतालों में पेयजल की उचित व्यवस्था और मरीजों की भर्ती के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली भी विकसित की जाएगी. इससे मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में जल्दी स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी.
100 करोड़ का आवंटन
दरअसल कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की मौत के बाद सुरक्षा उपायों के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इस राशि का उपयोग अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, बेहतर रोशनी और डॉक्टरों के लिए अलग विश्राम कक्ष बनाने में किया जाएगा.
सरकार का संकल्प
ममता सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अगले छह से सात महीने में सभी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार किया जाएगा. इस प्रकार, राज्य सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देकर स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है. इस महत्वपूर्ण कदम से न केवल डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि मरीजों के लिए भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी. सरकार का यह प्रयास सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है. First Updated : Thursday, 19 September 2024